राजभवन में 5 दिसंबर को 11 मंत्रियों को राज्यपाल संतोष गंगवार ने शपथ दिलाई थी।
हेमंत सोरेन के सीएम बनने के 7 दिन बाद गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, लेकिन 24 घंटे बाद भी मंत्रियों के विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की कथित चिट्ठी है। बताया जा रहा है कि क
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दरअसल, वेणुगोपाल ने सीएम हेमंत सोरेन के नाम चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने साफ लिखा कि कांग्रेस के किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया जाए। इस चिट्ठी की कॉपी प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को भी भेजी गई। प्रदेश अध्यक्ष ने चिट्ठी मिलने की पुष्टि भी की।
सूत्रों के मुताबिक, चिट्ठी के वायरल होने के बाद सरकार के भीतर ही चर्चा होने लगी। कई तरह के कयास भी लगाए जाने लगे। इसके बाद कांग्रेस ने ही सीएम को विभागों का बंटवारा नहीं करने का सुझाव दिया। बताया जा रहा है कि अब मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करके विभागों का बंटवारा किया जाएगा।
आज विभागों का बंटवारा संभव
गुरुवार देर रात चल ऊहापोह की स्थिति बनी रही। इधर, आज हेमंत कैबिनेट की बैठक तीन बजे से होने वाली है। संभावना है कि कांग्रेस के विभागों में फेरबदल हो सकता है। किसे कौन सा विभाग दिया जाए, इस पर मंथन जारी है। संभावना है कि आज विभागों का बंटवारा हो जाए। वायरल पत्र के मुताबिक, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीएम हेमंत सोरेन को जिन विभागों को कांग्रेस को देने को कहा है, वे सारे विभाग कांग्रेस के खाते के हैं, जो उन्हें पिछली सरकार में मिले थे।
केसी वेणुगोपाल की इसी कथित चिट्ठी की वजह से विभागों का बंटवारा नहीं हो सका।
किन्हें कौन सा विभाग देने का सुझाव
राधाकृष्ण किशोर : वित्त, योजना एवं विकास, वाणिज्यकर, खाद्य आपूर्ति दीपिका पांडेय सिंह : स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण, संसदीय कार्य इरफान अंसारी : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज शिल्पी नेहा तिर्की : कृषि पशुपालन सहकारिता एवं आपदा प्रबंधन
मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा संथाल को जगह
हेमंत सोरेन की कैबिनेट में सबसे ज्यादा संथाल प्रमंडल को जगह मिली है। सीएम खुद संथाल परगना क्षेत्र के बरहेट से विधायक हैं। इसके अलावा हफीजुल हसन, इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह और संजय प्रसाद यादव को मंत्री बनाया गया है।
उत्तरी छोटानागपुर से योगेंद्र प्रसाद और सुदिव्य कुमार सोनू को मंत्री बनाया गया है। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की बात करें तो यहां से चमरा लिंडा और शिल्पी नेहा तिर्की, कोल्हान प्रमंडल से रामदास सोरेन और दीपक बिरुआ को मंत्री बनाया गया है। वहीं, पलामू प्रमंडल से एकमात्र मंत्री राधा कृष्ण किशोर हैं।

ये भी जानना जरूरी
मंत्रिमंडल में जेएमएम ने सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति पर फोकस किया है। वहीं कांग्रेस ने अल्पसंख्यक, एसटी, एससी और ओबीसी को ध्यान में रखकर मंत्रियों का चयन किया है। 11 मंत्रियों में आदिवासी और ओबीसी से 4-4, मुस्लिम से दो और एससी कोटे से एक शामिल हैं। राज्य गठन के बाद पहली बार नई सरकार में फारवर्ड कोटे से एक भी मंत्री नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार अधिकतम 12 विधायकों को मंत्री बना सकती है। एक सीट अभी खाली है।
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हेमंत सोरेन के सीएम पद की शपथ लेने के 6 दिन बाद गुरुवार को राजभवन के अशोक उद्यान में 11 मंत्रियों ने शपथ ली। राज्यपाल संतोष गंगवार ने शपथ दिलाई। नई सरकार में 5 मंत्रियों को रिपीट किया गया है। जबकि, JMM और कांग्रेस ने अपने 50% मंत्रियों को बदला है।
खास बात है कि राज्य गठन के बाद पहली बार फारवर्ड कोटे से मंत्री नहीं बनाया गया है। इससे पहले एक या दो मंत्री हमेशा फारवर्ड कोटे से बनते रहे हैं। पिछली बार गढ़वा से चुनाव जीते मिथिलेश ठाकुर ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मंत्री बने थे। इस बार वह चुनाव हार गए हैं। इसके बाद INDIA ब्लॉक ने फारवर्ड कोटे को खत्म कर दिया है।
जानकार मानते हैं कि फारवर्ड भाजपा के परंपरागत वोटर हैं। इस वजह से भी हेमंत सोरेन सरकार ने महत्व नहीं दिया। हालांकि, इस कोटे से मंत्री पद की रेस में चुन्ना सिंह और अनंत देव प्रताप का नाम चर्चा में था। पूरी खबर यहां पढ़ें..