वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे के लोको पायलट और रनिंग स्टाफ ने अपनी मांगों को लेकर 36 घंटे का उपवास आंदोलन शुरू किया है। सागर, सतना, कटनी और जबलपुर की क्रू लॉबी में सैकड़ों कर्मचारी धरने पर बैठे हैं।
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रेलवे बोर्ड ने टीए के अनुपात में माइलेज भत्ता बढ़ाने से इनकार कर दिया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक महंगाई भत्ता 50% होने पर अन्य भत्तों में 25% की बढ़ोतरी की गई, लेकिन रनिंग स्टाफ को इससे वंचित रखा गया।
कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगों में लोको पायलट के खाली पदों पर भर्ती, साप्ताहिक छुट्टी में कटौती रोकना और सुरक्षा मानकों का पालन शामिल है। स्टेशन यार्ड में उन्हें हैंड ब्रेक बांधने का अतिरिक्त काम भी करना पड़ रहा है। लगातार रात्रि ड्यूटी से माइक्रो स्लीपिंग की समस्या बढ़ रही है, जो SPAD (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) घटनाओं का प्रमुख कारण है।
लोको पायलट पवन श्रीवास, प्रियंका कुमारी और आदर्श कुमार ने बताया कि ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने रेल प्रशासन को चेतावनी दी है। यदि उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया तो 9 अप्रैल को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ी रैली और धरना प्रदर्शन किया जाएगा।