वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है. इस बार वैशाख पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान एक ही दिन होगा. कई बार यह दो दिन होता है. पूर्णिमा व्रत पहले और स्नान-दान दूसरे दिन होता है. वैशाख पूर्णिमा व्रत पर दिन में सत्यनारायण भगवान, रात में चंद्रमा और प्रदोष काल में माता लक्ष्म की पूजा करते हैं, वहीं वैशाख पूर्णिमा तिथि में स्नान और दान का विधान है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. इस बार वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर रवि योग बन रहा है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि वैशाख पूर्णिमा कब है? वैशाख पूर्णिमा का मुहूर्त, स्नान और दान समय क्या है?
2025 में वैशाख पूर्णिमा किस दिन है?
दृक पंचांग के आधार पर देखा जाए तो वैशाख पूर्णिमा की तिथि 11 मई दिन रविवार को रात 8 बजकर 1 मिनट पर प्रारंभ होगी. वैशाख पूर्णिमा तिथि का समापन 12 मई सोमवार को रात 10 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगी. व्रत, स्नान, दान के लिए उदयातिथि और चंद्रोदय समय के आधार पर इस साल वैशाख पूर्णिमा 12 मई सोमवार को है. इस दिन वैशाख पूर्णिमा का व्रत, स्नान, दान सब एक ही दिन होगा.
वैशाख पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा का स्नान ब्रह्म मुहूर्त में करना अच्छा माना जाता है. वैशाख पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त 04:08 ए एम से 04:50 ए एम तक है. इस समय में पवित्र नदी में स्नान करें, उसके बाद दान करें. यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान नहीं कर पाएं तो सूर्योदय 05:32 ए एम के बाद भी स्नान कर सकते हैं. वैशाख पूर्णिमा का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है. इस समय में आप शुभ कार्य कर सकते हैं.
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रवि योग में वैशाख पूर्णिमा 2025
वैशाख पूर्णिमा के दिन रवि योग बन रहा है. उस दिन रवि योग सुबह में 05 बजकर 32 मिनट पर बन रहा है, जो सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक है. वहीं वरीयान योग सुबह से लेकर पूरी रात तक है. रवि योग में किसी भी प्रकार का दोष नहीं रहता है. रवि योग में आपको वैशाख पूर्णिमा का दान करना चाहिए. वैशाख पूर्णिमा के दिन स्वाति और विशाखा नक्षत्र हैं. स्वाति नक्षत्र सुबह 6 बजकर 17 मिनट तक है, उसके बाद से विशाखा नक्षत्र है.
वैशाख पूर्णिमा 2025 चंद्रोदय समय
12 मई को वैशाख पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम को 6 बजकर 57 मिनट पर होगा. जो लोग व्रत रहेंगे, वे चंद्रमा की पूजा रात के समय करें, जब वह पूर्ण रूप से निकल जाए.
वैशाख पूर्णिमा पर रहेगी भद्रा 2025
इस बार की वैशाख पूर्णिमा पर भद्रा लगेगी, जिसका वास स्थान पाताल लोक रहेगा. वैशाख पूर्णिमा की भद्रा सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है. पाताल की भद्रा का दुष्प्रभाव पृथ्वी पर नहीं होता है. ऐसे में शुभ कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.
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वैशाख पूर्णिमा पर क्या दान करें?
वैशाख पूर्णिमा के दिन आपको स्नान के बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. उस दिन आप चावल, चीनी, दूध, सफेद कपड़े, मोती, चांदी आदि का दान कर सकते हैं.
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान और दान से पुण्य लाभ होता है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. व्रत करके चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष मिटता है. प्रदोष काल के समय में लक्ष्मी पूजा करने से धन, वैभव में वृद्धि होती है.