नई दिल्ली21 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
वोटर ID डेटा में गड़बड़ी के आरोप के चलते चुनाव आयोग ने बैठक बुलाई है।
वोटर ID डेटा में गड़बड़ी के आरोप के चलते चुनाव आयोग ने 18 मार्च को एक अहम बैठक बुलाई है। इसमें वोटर आईडी को आधार से लिंक करने को अनिवार्य करने पर चर्चा हो सकती है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, UIDAI के सीईओ और लेजिसलेटिव सेक्रेटरी शामिल होंगे।
वर्तमान में वोटर आईडी और आधार लिंक करना ऑप्शनल (वैकल्पिक) है। सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि अगर कोई मतदाता अपने वोटर कार्ड को आधार से लिंक नहीं करता है, तो भी उसका नाम मतदाता सूची से नहीं हटेगा।
64 करोड़ मतदाता जुड़ चुके हैं, 97 करोड़ का टारगेट
दिसंबर 2021 में लोकसभा ने चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पारित किया था, जिसमें वोटर आईडी को आधार से जोड़ने की सिफारिश की गई थी। चुनाव आयोग के अनुसार, अब तक 64 करोड़ मतदाता अपने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करा चुके हैं, जबकि देश में कुल 97 करोड़ मतदाता हैं।
फर्जी वोटिंग और डुप्लिकेसी से बचने के लिए फैसला संभव
- फर्जी मतदान पर रोक: इससे एक व्यक्ति के एक से अधिक स्थानों पर वोट डालने की संभावना खत्म होगी।
- डुप्लिकेसी का मसला हल होगा: वोटर लिस्ट में डुप्लिकेट नामों के हटने से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।
- EPIC नंबर अपडेट होगा: डुप्लीकेट वोटर कार्ड वालों को तीन महीने में नए EPIC नंबर जारी किए जाएंगे।
हालांकि आधार लिंकिंग को लेकर कई एक्स्पर्ट्स और राजनीतिक दलों ने प्राइवेसी से जुड़ी चिंताएं जाहीर की है। उनका कहना है कि आधार जैसी संवेदनशील जानकारी को वोटर आईडी से जोड़ने से डेटा लीक का खतरा हो सकता है।
आधार कार्ड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- क्या आप आधार कार्ड नंबर भूल गए:कैसे करें चेक, जानें आधार कार्ड को लेकर क्या सावधानियां बरतना जरूरी

आज के दौर में आधार कार्ड एक यूनिक ID बन गया है। सरकारी, गैर-सरकारी कामों से लेकर मोबाइल सिम खरीदने तक इसका इस्तेमाल होता है। आधार कार्ड में 12 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है, जो सिर्फ एक बार ही जारी होता है। कई बार ऐसा होता है कि आधार कार्ड कहीं खो जाता है या उसे रखकर भूल जाते हैं। ऐसे में लोग बेवजह घबराने लगते हैं। जबकि आप बिना आधार नंबर के भी अपना ई-आधार डाउनलोड कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें…