Wednesday, April 16, 2025
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शनि जयंती कब है? बनेगा केवल 7 मिनट का शुभ योग, नोट कर लें तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त


शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय का देवता कहते हैं. उनका जन्म ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हुआ था. इस वजह से हर साल ज्येष्ठ आमवस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. शनि देव के पिता सूर्य देव और उनकी माता छाया हैं. शनि जयंती के अवसर पर शनिदेव का जन्मदिन मनाते हैं. शनि मंदिरों में विशेष पूजा और आयोजन किए जाते हैं. इस बार शनि जयंती के दिन 7 मिनट का शुभ योग बन रहा है, जो सर्वार्थ सिद्धि योग है. शनि जयंती के अवसर पर पूजा पाठ, दान आदि करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या में राहत मिलती है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं कि इस साल शनि जयंती कब है? शनि जयंती का मुहूर्त और शुभ योग कौन से हैं?

शनि जयंती 2025 तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल शनि जयंती के लिए आवश्यक ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि 27 मई मंगलवार को सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक मान्य है. ऐसे में शनि जयंती के लिए उदयातिथि की मान्यता है. इस वजह से शनि जयंती 27 मई मंगलवार को मनाई जाएगी.

शनि जयंती 2025 मुहूर्त
27 मई को शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:03 ए एम से 04:44 ए एम तक है. इस समय आपको स्नान करके व्रत और शनि पूजा का संकल्प करना चाहिए. यदि आप इस समय उठ न पाएं तो सूर्योदय बाद भी यह काम कर सकते हैं. शनि जयंती पर शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:51 ए एम से दोपहर 12:46 पी एम तक है.

शनि जयंती की पूजा आप सूर्योदय से कर सकते हैं क्योंकि सुकर्मा योग रात तक बना रहेगा. यह एक शुभ योग है. लेकिन शनि पूजा के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग बहुत अच्छा है. लेकिन यह 7 मिनट के लिए ही है.

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शनि जयंती पर 7 मिनट का शुभ योग
इस बार शनि जयंती पर 7 मिनट के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह अत्यंत शुभ योग माना जाता है. इसे योग में आप जो भी कार्य करते हैं, वह फलित होता है, उसका शुभ फल प्राप्त होता है. कार्य में सफलता मिलती है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 05 बजकर 32 मिनट तक है.

सर्वार्थ सिद्धि योग के अलावा शनि जयंती पर सुकर्मा और धृति योग बन रहा है. उस दिन सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर रात 10 बजकर 54 मिनट तक है. उसके बाद से धृति योग बनेगा. ज्येष्ठ अमावस्या ति​​थि में द्विपुष्कर योग 05:02 ए एम से 05:25 ए एम तक रहेगा. यह 28 मई को होगा.

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शनि जयंती पर कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र हैं. कृत्तिका नक्षत्र सुबह में 05:32 ए एम तक है, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र है, जो 28 मई को 02:50 ए एम तक है.

शनि जयंती का महत्व
शनि जयंती को शनि दिन का जन्मदिन होता है. ऐसे में आप शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा पाठ, मंत्र जाप, दान आदि कर सकते हैं. जिन पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है या फिर कुंडली में शनि दोष है तो वे इससे मुक्ति के उपाय कर सकते हैं. शमी के पेड़ की पूजा करने, गरीबों और असहायों की मदद करने, छाया दान करने, तेल से अभिषेक करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.



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