झारखंड शराब घोटाला मामले में दूसरे पूर्व IAS अमित प्रकाश को ACB ने अरेस्ट किया है। इससे पहले इस मामले में IAS विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया था।
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अमित प्रकाश उत्पाद विभाग के पूर्व आयुक्त और झारखंड स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लि. के पूर्व जीएम रह चुके हैं। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही शराब घोटाला मामले में कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
अमित प्रकाश उत्पाद विभाग के पूर्व आयुक्त और झारखंड स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लि. के पूर्व जीएम रह चुके हैं।
इससे पहले एसीबी उत्पाद विभाग के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, दो पूर्व जीएम सुधीर कुमार दास व सुधीर कुमार और प्लेसमेंट एजेंसी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को जेल भेज चुकी है।
बिना अनुमति के 11 करोड़ रुपए भुगतान का आरोप
अमित प्रकाश पर वित्तीय अनियमितताओं का गंभीर आरोप है। उन्होंने 2022 में मंत्री योगेंद्र प्रसाद के कार्यभार संभालने के कुछ दिन बाद ही बिना उन्हें सूचना दिए छत्तीसगढ़ की दो थोक शराब आपूर्ति कंपनियों को भुगतान किया था।
इनमें दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को करीब 11 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। यह भुगतान उस समय हुआ, जब झारखंड सरकार छत्तीसगढ़ की चार ब्लैकलिस्टेड प्लेसमेंट एजेंसियों से 450 करोड़ की वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी थी।

पूछताछ के गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। फिर जेल भेज दिया गया।
आरटीआई से मांगी थी घोटाले की जानकारी
एसीबी की पूछताछ से बचने के लिए अमित प्रकाश ने आरटीआई के तहत अपने ही विभाग से शराब घोटाले से संबंधित जानकारी मांगी थी। उन्होंने 20 मई को दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाते हुए 12 जून को 1200 पन्नों की जानकारी प्राप्त की थी।
फिर भी पूछताछ में वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। एसीबी के अनुसार, अमित के कार्यकाल के दौरान प्लेसमेंट एजेंसियों से बकाया राशि की वसूली के लिए कोई प्रयास नहीं किया। फर्जी बैंक गारंटी उजागर होने के बाद भी प्लेसमेंट एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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झारखंड के शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप पर निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे और उनके करीबियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू कर दी है।
एसीबी को शराब घोटाले की जांच करते हुए अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद, एसीबी ने विनय चौबे और उनके परिवारजनों के खिलाफ प्रिलिमनरी इंक्वायरी दर्ज करने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी थी, जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…