स्कीम नंबर 71 के रहवासियों का विरोध प्रदर्शन।
इंदौर में एक शराब दुकान के बाहर क्षेत्र की महिलाएं कुर्सियां लगाकर बैठी हैं। लगातार 5 दिन से वे इस दुकान का विरोध कर रही है। रहवासियों ने भी दुकान के बाहर टेंट लगा दिया है, जहां बैठकर अपना विरोध जता रहे हैं। रविवार को तो वे एक पुतला बनाकर ले आए। ये प
.
शराब दुकान के बाहर कुर्सियां लगाकर बैठी क्षेत्र की महिलाएं।
ये मामला हैं स्कीम नंबर 71 का, जहां हालही में शराब की दुकान खुली। दुकान खुलने के अगले दिन से ही रहवासी संघ स्कीम नंबर 71 के बैनर तले रहवासियों ने इसका विरोध शुरू किया। दुकान हटवाने के लिए क्षेत्रीय पार्षद के साथ जाकर कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया और उनसे दुकान हटवाने का निवेदन भी किया। मामले में कलेक्टर ने आश्वासन दिया। हालाकि रहवासियों का विरोध जारी है। बता दे कि स्कीम नंबर 71 में जहां दुकान खुली है उसके आसपास मैरिज गार्डन, सब्जी मंडी, रहवासी क्षेत्र है।

शराब दुकान के बाहर रहवासियों का विरोध। दुकान बंद करने का नारा भी बैनर पर लिखवाया।
जानिए इस मामले में क्या कह रहे हैं रहवासी…
यहां दुकान खुलना गलत निर्णय
रहवासी निर्मल माहेश्वरी ने कहा कि यह पूरा इलाका रहवासी इलाका है। शांत इलाका है। यहां मंदिर, स्कूल, सब्जी मंडी, वॉकिंग ट्रैक है। यहां की बहन-बेटियां, महिलाएं सब्जी लेने जाती हैं। रहवासी इलाके में शराब दुकान अलॉट करना गलत है। दुकान के कारण यहां क्राइम बढ़ेगा। यहां दुकान खोलना गलत निर्णय है।कलेक्टर, आबकारी आयुक्त और जनप्रतिनिधि जल्द से जल्द इसे यहां से हटाएं।
महिलाएं रोज कर रही विरोध
रहवासी अर्चना जैन ने बताया कि यहां शराब दुकान खुलने से डर और खौफ पैदा हो गया है। यहां असामाजिक तत्व दिन प्रतिदिन आएंगे, जिससे अराजकता फैलेगी। यहां बच्चों के स्कूल के बस स्टॉप है। सब्जी मंडी है। वॉकिंग ट्रैक है। सुबह-शाम घूमने जाते हैं। हम ये चाहते है प्रशासन इस शराब की दुकान को यहां से हटाए। दो बार पहले भी यहां शराब दुकान खुली थी, जिसे विरोध करके हटवाया था। अब तीसरी बार फिर दुकान खुली है। महिलाएं रोज यहां आकर बैठ रही हैं और विरोध कर रही हैं। हमसे क्षेत्र की दो सौ महिलाएं जुड़ी हैं।
असामाजिक तत्व बढ़ेंगे
रहवासी अंजू काकाणी ने कहा कि हम शराब दुकान का विरोध कर रहे हैं। रोजाना यहां से लोगों को भगा रहे हैं। सुबह से लोगों का आना शुरू हो जाता है। हमारी मांग है कि प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि इस ओर विशेष ध्यान दें और इस दुकान को बंद करवाएं। यहां आसपास 5 से 6 मैरिज गार्डन हैं। पीछे उद्यान भी बनाया गया है। रहवासी क्षेत्र में दुकान खुलने से असामाजिक तत्व यहां उधम मचाएंगे।

दुकान के बाहर महिलाएं राम नाम का जाप करती हुई।
महापौर-विधायक आकर देखें हमारी परेशानी
दिप्ती किशनानी ने कहा कि पिछले पांच दिनों से हमारा विरोध जारी है। यहां महापौर और क्षेत्रीय विधायक को आकर देखना चाहिए कि हमें कितनी परेशानी हो रही है। पास में पार्क खुला है, वहां हम वॉक करें, स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन ये शराब की दुकान खुल गई है, जिसके कारण डर का माहौल है।
वॉक पर जाना बंद कर दिया
अनिता माहेश्वरी का कहना है कि हम लोग वॉक पर जाते थे, हमने वॉक पर जाना बंद कर दिया। छोटी बच्चियां क्लास जाती हैं। अब उन्हें अकेले भेजने में डर लग रहा है। कभी किसी के साथ बदतमीजी हो सकती है। प्रशासन से हाथ जोड़कर विनती है कि इस दुकान को जल्द से जल्द बंद किया जाए। महिलाएं अपने घर के काम छोड़कर यहां विरोध पर बैठी हुई है। प्रशासन को समझना चाहिए। हमें 5 दिन हो गए हैं विरोध करते हुए। हमारे पूरे ग्रुप ने रात को वॉक करना बंद कर दिया है।
अपराध में वृद्धि होगी
मेघा मालपानी का कहना है कि सुबह और शाम को वॉक पर आते थे, लेकिन बंद कर दिया है। हमारे घर में बेटियां हैं, जिन्हें भेजने में डर लगता है। अब घूम कर जाने की सोचते हैं। यहां पैदल ही सब्जी लेने आते थे। लेकिन अब किसी को साथ में लेकर आना पड़ता है। दुकान खुलने से यहां अपराध में भी बढ़ोतरी होगी। सुबह से लेकर रात तक यहां विरोध करने के लिए बैठ रहे हैं। हम यहां सुंदरकांड भी कर चुके हैं।

रहवासियों ने विरोध स्वरूप प्लॉट मालिक का पुतला भी यहां लगा दिया।
प्लॉट मालिक का पुतला लगाया
विरोध कर रहे रहवासियों ने यहां पर प्लॉट मालिक का पुतला भी खड़ा कर दिया। रहवासियों का कहना है कि प्लॉट मालिक को शराब की दुकान के लिए जगह नहीं देना चाहिए थी। इसलिए उनका पुतला यहां लगाया गया है। विरोध स्वरूप ये पुतला यहां लगाया है। रहवासियों का कहना है कि ज्ञापन देने के बाद कलेक्टर ने आबकारी अधिकारियों को जल्द से जल्द जांच के निर्देश दिए हैं। अगर ये परिसीमन में स्थापित की गई है तो इसे हटाया जाए। आबकारी अधिकारी यहां आकर जांच करके गए हैं। वे भी अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। अब देखना है रिपोर्ट क्या आती है। दो बार पहले भी शराब दुकान का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया था। तब भी दुकान हटवाई थी।