स्वच्छता में नंबर वन रहने वाला इंदौर अब शहर को हर-भरा करने के लिए सहभागिता का मॉडल लेकर आया है। निगम ने ‘ग्रीन स्पॉट एडॉप्ट अभियान’ की शुरुआत की है। इस अनोखी पहल के तहत अब शहर के नागरिक, सामाजिक संगठन और संस्थाएं शहर के ग्रीन बेल्ट, रोड डिवाइडर, रोट
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महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस अभियान की रूपरेखा तैयार की गई। महापौर ने स्पष्ट किया कि जो संस्था पहले आवेदन करेगी, उसे ग्रीन स्पॉट गोद लेने की प्राथमिकता दी जाएगी। पौधों का चयन खासतौर पर मालवा की जलवायु के हिसाब से किया जाएगा। ग्रीन स्पॉट की देखरेख, सिंचाई और अनुरक्षण की पूरी जिम्मेदारी गोद लेने वाले की होगी। छह महीने के भीतर इन स्थलों का रूपांतरण साफ नजर आना चाहिए, ताकि यह मॉडल शहर के अन्य हिस्सों और देशभर के लिए उदाहरण बन सके। मास्टर प्लान के तहत हर कॉलोनी में कम से कम 5 उद्यान विकसित किए जाएंगे।
हर जगह पर्यटन स्थल जैसा अहसास हो
उपस्थित नागरिकों ने कई सुझाव दिए। सावन लड्ढा ने न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क की तरह इंदौर में एक आइकॉनिक गार्डन बनाने का प्रस्ताव दिया। मोनिका ठक्कर ने शहर में फैली केबल की अव्यवस्था को सुधारने की बात रखी। श्रुति पुरोहित ने हरियाली से भरपूर पर्यटन स्थल विकसित करने का सुझाव दिया। डॉ. कोपी माहेश्वरी ने अभियान को एक प्रतियोगिता के रूप में चलाने का विचार रखा।
अब तक लग चुके 51 लाख पौधे
जनकार्य व उद्यान प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि अब तक इंदौर में 51 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें से 12.40 लाख पौधे एक ही दिन में रेवती रेंज में लगाए गए थे, जो अब भी हरे-भरे हैं। इन पौधों की सिंचाई कबीटखेड़ी एसटीपी से ट्रीटेड वाटर के जरिये की जा रही है।