शाजापुर जिले में किसानों के लिए डिजिटल क्रांति की शुरुआत हो गई है। 1 अप्रैल से जिले की सभी सात कृषि उपज मंडियों को ई-मंडी का दर्जा मिल गया है। इससे पहले केवल शुजालपुर ए ग्रेड और शाजापुर बी ग्रेड मंडियां ही ई-मंडी के रूप में कार्यरत थीं।
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अब कालापीपल, अकोदिया, बेरछा, मक्सी और बड़ोदिया मंडी भी डिजिटल प्रणाली से जुड़ गई हैं। इस नई व्यवस्था में किसानों को व्यापारियों से संपर्क के लिए मंडी जाने की जरूरत नहीं होगी। वे ई-मंडी एप के माध्यम से घर बैठे ही बिक्री और भुगतान की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
कृषि उपज मंडी का कार्यालय।
किसानों को होगा लाभ
ई-मंडी से किसानों को कई फायदे होंगे। अब उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे सीधे व्यापारियों से जुड़कर अपनी उपज का सौदा कर सकेंगे। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और समय की बचत होगी। किसानों को मंडियों में लंबी कतारों में खड़े होने से भी मुक्ति मिलेगी। वे मोबाइल या कंप्यूटर से अपनी उपज बेच सकेंगे। उन्हें केवल तुलाई के लिए तय समय पर मंडी पहुंचना होगा।
मंडी के हर्षित शर्मा के अनुसार, सभी सात मंडियों ने ई-मंडी के रूप में कार्य शुरू कर दिया है। इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी। किसान घर से ही टोकन प्राप्त कर सकेंगे और अपनी उपज का विक्रय कर सकेंगे।