कलेक्टर कार्यालय के बाहर ज्ञापन देने पहुंचीं आशा कार्यकर्ता।
शाजापुर में आशा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। नायब तहसीलदार गौरव पोरवाल को दिए ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने अपनी कई मांगों को रखा।
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कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग है कि 1 जुलाई 2024 से 1000 रुपए की वार्षिक वृद्धि का एरियर सहित भुगतान किया जाए। साथ ही उन्हें अन्य सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं दी जाएं।
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ने 29 जुलाई 2023 को वार्षिक वृद्धि की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक इसका भुगतान नहीं किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य सरकारी कर्मचारियों को यह लाभ मिल रहा है।
ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंची आशा कार्यकर्ता।
प्रदेश के 84,000 आशा और पर्यवेक्षकों ने 6 मई 2025 तक अपनी मांगों पर ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करने की अपील की है। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो 7 मई को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।
नहीं दिया जा रहा मांगों पर ध्यान
20 अप्रैल 2025 को आशा प्रोग्राम के 20 साल पूरे हो गए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यक्रम ईमानदारी से पूरा करती हैं। सरकार लाडली बहनों को 1250 रुपए प्रतिमाह दे रही है और राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई है। लेकिन आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।