पंचायत सचिव संघ ने किया आंदोलन का ऐलान
प्रदेश के पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा पूरा नहीं किया गया है। इसे लेकर सचिव संघ ने फिर से आंदोलन का ऐलान कर दिया है। सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह पैकरा ने ऐलान किया है कि पंचायत सचिव 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे। 18 मार्च से
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पंचायत सचिव संघ का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी में छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों का शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। डेढ़ वर्ष बाद भी इस घोषणा पर अमल नहीं किया किया। सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र पैकरा ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं घोषणापत्र समिति के संयोजक विजय बघेल से भी बातचीत की गई, परंतु कारगर पहल नहीं हो सकी है।
पूरे प्रदेश में हड़ताल, व्यवस्था ठप होने का दावा उपेंद्र पैकरा ने कहा कि सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर सीधा असर पड़ेगा। पंचायत चुनाव में नए चुनकर आए सरपंचों को पदभार नहीं दिया जा सका है। प्रदेश में कुल 10485 पंचायत सचिव कार्यरत हैं। इनमें से 15 वर्ष वालों को मानदेय प्राप्त हो रहा है। सरकार पर शासकीयकरण से बोझ नहीं होगा। सचिवों के आंदोलन का असर पूरे प्रदेश में पड़ेगा।
सीएम की घोषणा पर भी अमल नहीं पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंचायत सचिवों को नियमित करने के लिए बड़ी घोषणा की थी, मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश पंचायत सचिव संघ की शासकीयकरण की मांग को पूरा किया जाएगा और इसके क्रियान्वयन के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।
पंचायत सचिव संघ ने कहा कि आंदोलन से पहले ही सरकार ऐलान कर दे कि मोदी की गारंटी पूरी होगी तो पंचायत सचिव संघ आंदोलन पर नहीं जाएगा।