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नागपुरकुछ ही क्षण पहले
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उद्धव नागपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की। उद्धव ने कहा- कांग्रेस को वीर सावरकर और भाजपा को अब नेहरू की रट नहीं लगानी चाहिए। इन महापुरुषों ने जो किया वह किया, अब आगे भविष्य पर बात करनी चाहिए।
भाजपा वीर सावरकर को भारत रत्न कब देगी? देवेंद्र फड़नवीस ने भी पत्र लिखे थे, उसका क्या हुआ। क्यों भारत रत्न नहीं दे रहे तब भी पीएम मोदी ही थे। उद्धव नागपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। इससे पहले 14 दिसंबर को पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी।
इससे इतर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान 14 दिसंबर को कहा था कि सावरकर बोलते थे, संविधान के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। वे मनु स्मृति की बात करते थे। क्या भाजपा अपने नेता के शब्दों के साथ है। वो संविधान की बात करती है तो सावरकर को ही शर्मिंदा करती है।
कांग्रेस हमेशा से सावरकर के विरोध में रही है। कुछ साल पहले महाराष्ट्र कांग्रेस की मासिक पत्रिका (मराठी) ‘शिदोरी’ में उन्हें ‘माफीवीर’ लिख चुकी है।
राहुल ने 14 दिसंबर को अपने भाषण के दौरान संविधान और मनु स्मृति की कॉपी लहराई थी।
राहुल ने कहा था – मैं सावरकर नहीं, माफी नहीं मांगूंगा करीब दो साल पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी पर 2019 में दिए एक बयान पर सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी।
इसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इस पर उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की थी। इस दौरान मीडिया ने उनसे प्रश्न किया, ‘भाजपा बार-बार आपसे माफी मांगने को कहती है, इस पर आप क्या सोचते हैं?’ इसके जवाब में राहुल ने यह बात कही थी। पूरी खबर पढ़ें…
राहुल के बयान पर उद्धव ने कहा था- गठबंधन तोड़ लूंगा राहुल के सावरकर वाले बयान पर उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि हम सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर राहुल गांधी सावरकर की निंदा करना नहीं छोड़ते हैं तो गठबंधन में दरार आएगी। हम महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) से गठबंधन तोड़ लेंगे। इसके बाद शिवेसना (UBT) ने विपक्ष की एक बैठक में भी हिस्सा लेने से मना कर दिया था। पूरी खबर पढ़ें…
भारत रत्न के बारे में 4 पॉइंट…
- भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह राष्ट्रीय सेवा जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के लिए दिया जाता है। भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
- पहले ये सम्मान केवल जीवित रहते दिया जाता था, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिये जाने लगा। देश के प्रधानमंत्री भारत रत्न के लिए किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति को करते हैं।
- पुरस्कार पाने वाले को एक मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिसपर राष्ट्रपति का साइन होता है। मेडल में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना हुआ है। पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का होता है।
- मेडल के नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है। पीछे की तरफ अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है। इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है। 2020 से 2023 के बीच किसी को भी भारत रत्न पुरस्कार नहीं दिया गया।
अब तक 52 हस्तियों को भारत रत्न दिया गया, आडवाणी 53वें शख्स केंद्र ने इस साल 5 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया था। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। 2024 के 5 हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को अब तक हासिल करने वालों की संख्या 53 हो गई है।
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नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल 5 हस्तियों को भारत रत्न दिया। सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी के नाम का ऐलान हुआ। उनके बाद पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और देश में हरित क्रांति के जनक डॉ एमएस स्वामीनाथन काे भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। पूरी खबर पढ़ें…