भजन गायन से नायक के बाद नेता बने सांसद मनोज तिवारी ने शीतला धाम से अपना 30 साल पुराना रिश्ता निभाया। शीतला मंदिर संगीत समारोह की तीसरी निशा में उन्होंने पारंपरिक पचरा से लेकर राजनीतिक रंग वाले गीत भी माता के दरबार में प्रस्तुत किए।
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रात्रि में गंगा घाट पर श्रद्धालुओं को सुनाया देवी पचरा
मनोज तिवारी मृदुल देर रात 1.30 बजे शीतला घाट पहुंचे। श्रोताओं ने उन्हें देखते ही हर-हर महादेव का घोष किया। गंगा तट से मंच तक पहुंचने में प्रशंसकों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गई। मनोज ने भी किसी को निराश नहीं किया। उन्होंने कहा कि शीतला मैया के दरबार में आने के लिए हमेशा आतुर रहता हूं।
चैती से लेकर भक्ति गीतों पर झूमे श्रोता
सांसद मनोज तिवारी ने ‘शीतले त्वं जगत माता… श्लोक के साथ गायन शुरू किया। इसके बाद देवी गीत, पचरा, चैती की झड़ी लगा दी। शीतला घाट पे काशी में हम जाके शीश झुकाइब हो…मेरी मां बताती है गंगा मेरी माता है…ममतामयी दरबार बा…काला टीका काला टीका लाओ रे.. आदि गीत उन्होंने पेश किए। लोगों की फरमाइश पर मनोज ने ‘बाड़ीं शेर पर सवार और ‘निमिया के डार मइया डारैं ली झलुअवा भी सुनाया। उनका स्वागत महंत पं शिव प्रसाद पांडेय, संयोजक कन्हैया दुबे केडी ने रजत जड़ित गदा, माला, चुनरी और स्मृति चिह्न देकर किया।