अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय की फाइल फोटो।
नालंदा के डीटीओ ऑफिस के पास चकरसलपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक परियोजना का शुभारंभ हुआ है। 56 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले इस आवासीय स्कूल में 560 छात्रों की क्षमता होगी, जिसमें विशेष रूप से अल्पस
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पहले फेज में बॉउंड्री बॉल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। हालांकि, इसका औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा के दौरान होगा। बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना के तहत यह परियोजना साल 2018 में स्वीकृत की गई थी।
स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए आधुनिक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। छात्राओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
37 पदों पर नियुक्ति
जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी संदीप भारती ने बताया कि “स्कूल में कुल 37 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, जिसमें एक प्राचार्य, 31 शिक्षक, एक पुस्तकालयाध्यक्ष और चार अन्य कर्मचारियों की भर्ती शामिल है। अगले डेढ़ साल में इसका निर्माण पूरा करा लिया जाएगा।
निर्धारित स्थल पर बाउंड्री बॉल के निर्माण का काम चल रहा है।
स्कूल की प्रमुख विशेषताएं:
मुफ्त शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा।
आधुनिक लैब और शैक्षिक उपकरण।
खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विशेष प्रावधान।
प्रवेश परीक्षा के आधार पर चयन प्रक्रिया।
9वीं कक्षा के लिए 14 साल और 12वीं कक्षा के लिए 18 साल की आयु सीमा।
परियोजना न केवल शैक्षिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि समाज के वंचित वर्ग के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करेगी। स्कूल का निर्माण बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है, जो देवीसराय मौजा के चक-रसलपुर गांव में स्थित तीन एकड़ भूमि पर स्थापित किया जा रहा है।
विद्यार्थियों को इस आवासीय स्कूल में नामांकन के लिए 100 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछें जाएंगे। नामांकित छात्रों को मुफ्त में शिक्षा, रहने खाने-पीने,कपड़ा के अलावा अन्य सुविधाएं दी जाएगीं।शैक्षिक परियोजना से न केवल अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम,सिख, ईसाई, बौद्ध,जैन,पारस) के छात्रों को फायदा मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र के समग्र शैक्षिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।