15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी, संभागीय बैठकों का दौर शुरू
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संगठन में महिलाओं की जमीनी स्तर पर भागीदारी बढ़ाने के लिए भाजपा मप्र में हर जिले में कम से कम दो मंडल अध्यक्ष महिलाओं को बनाएगी। सक्षम महिला कार्यकर्ता की उपलब्धता के आधार पर ऐसे मंडल चयनित किए जाएंगे। प्रदेशभर में भाजपा के मंडलों की संख्या अब 1300 पहुंच गई है। हर जिले में दो महिला मंडल अध्यक्षों के मान से महिला मंडल अध्यक्षों की संख्या 110 हो सकती है।
अभी तक मंडल अध्यक्ष का पद पुरुषों को ही दिया जाता रहा है, जबकि महिला नेताओं को महिला मोर्चा की जिम्मेदारी दी जाती है। 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी है, इसके लिए भाजपा में अब संभागीय बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
इन बैठकों में स्थानीय पर्यवेक्षकों के साथ केंद्रीय संगठन की ओर से तय मप्र की पर्यवेक्षक सरोज पांडेय, मप्र प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शामिल होंगे।
हर मंडल में तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा
हर मंडल के तीन नामों का पैनल तैयार किया जाएगा। इसके लिए रायशुमारी का जिम्मा जिला चुनाव अधिकारी का ही होगा। इसमें ऐसे किसी भी कार्यकर्ता को तीन नामों के पैनल में शामिल नहीं किया जाएगा, जिसकी किसी भी तरह की आपराधिक पृष्ठभूमि रही हो, या उस पर कोई गंभीर किस्म का आपराधिक प्रकरण दर्ज हो।
तीन नामों के पैनल पर जिला चुनाव अधिकारी संबंधित सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर सिंगल नाम पर सहमति बनाएगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक मंडल अध्यक्ष के चुनाव में उन जातियों को प्रतिनिधित्व देने का भी निर्णय लिया गया है, जिन्हें अब तक राजनीतिक रूप से सही प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। भाजपा इन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए राजनीति की मुख्यधारा में आगे बढ़ाने के लिए उनके बीच के सक्षम कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्ष के लिए प्राथमिकता दे सकती है।