दतिया में चर्चित संतोष पाल हत्या मामले में आरोपी आनंद ढीमर को कोर्ट ने बरी कर दिया है। फैसला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंजूषा तेकाम ने सुनाया। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में फैसला सुनाया है।
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मामला अक्टूबर 2019 का है। संतोष पाल की गुमशुदगी की रिपोर्ट 30 अक्टूबर को उसके पिता राजाराम ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी। दो दिन बाद 1 नवंबर को उसका शव लाला के ताल के पास मिला।
पुलिस ने हत्या का मामला माना, दो आरोपियों पर केस पुलिस ने मामले की जांच हत्या के रूप में की और आनंद ढीमर व अरविंद जाटव को आरोपी बनाया। कुछ गवाहों ने दावा किया था कि मृतक को आखिरी बार आरोपियों के साथ शराब पीते देखा गया था और नमकीन को लेकर विवाद के बाद उसे तालाब में धक्का दे दिया गया।
सुनवाई में सामने आए विरोधाभास सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील लोकेन्द्र सिंह बुंदेला व सहायक सत्येन्द्र दिसौरिया ने गवाहों के बयानों की कमजोरियों को उजागर किया। कोर्ट ने माना कि अभियोजन के पास घटना को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं हैं। न ही हत्या की कोई ठोस मंशा या योजना सिद्ध हुई।
कोर्ट का फैसला इन परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने आनंद ढीमर को हत्या और सबूत मिटाने के आरोप से दोषमुक्त कर दिया।
फैसले के बाद फिर उठा सवाल: हत्या या हादसा? इस फैसले के बाद शहर में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि यह मामला हत्या का था या फिर दुर्घटना, जिसे हत्या का रूप दिया गया।