पश्चिम रेलवे के संरक्षा आयुक्त (CRS) मनोज अरोड़ा ने शुक्रवार को भोपाल-रामगंज मंडी नई रेलवे लाइन परियोजना के तहत संत हिरदाराम नगर-जरखेड़ा रेल खंड का निरीक्षण एवं स्पीड ट्रायल किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मोटर ट्रॉली के माध्यम से रेललाइन और जरखेड़ा
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इस परियोजना के तहत भोपाल से ब्यावरा तक 111 किमी का क्षेत्र भोपाल मंडल में, जबकि शेष खंड कोटा मंडल में आता है। वर्तमान में संत हिरदाराम नगर से निशातपुरा डी केबिन तक रेल सेवा संचालित हो रही है। संत हिरदाराम नगर-जरखेड़ा रेलखंड की कुल दूरी 21 किमी है। इस खंड के निरीक्षण के दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक योगेंद्र बघेल, मुख्य परियोजना प्रबंधक विजय पांडेय सहित रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी ने बताया कि इस रेल परियोजना से भोपाल और कोटा मंडल के विभिन्न स्टेशनों के बीच निर्बाध रेल कनेक्टिविटी संभव होगी। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी और माल परिवहन की दक्षता भी बढ़ेगी।
120 की गति से चलती ट्रेन।
यह होंगे फायदे
- यह रेलमार्ग मध्य प्रदेश और राजस्थान को जोड़ेगा और भोपाल, सीहोर, राजगढ़, झालावाड़ और कोटा जिलों के विकास में सहायक होगा।
- माल और यात्री परिवहन के लिए यह लाइन अत्यंत महत्वपूर्ण होगी, जिससे यात्रा में 3 घंटे की बचत होगी।
- कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट (झालावाड़, राजस्थान) तक कोयला परिवहन लागत में कमी आएगी।
- वर्तमान ब्यावरा-झालावाड़ मार्ग के बजाय 42 किमी छोटा नया मार्ग होगा, जिससे ईंधन व समय की बचत होगी।
- स्थानीय यात्रियों के लिए केलकेरा मंदिर (घाटोली स्टेशन के पास) तक पहुंच आसान होगी।
- भोपाल मंडल में 12 नए स्टेशनों और 111 किमी रेल लाइन के निर्माण 1,255 करोड़ का बजट आवंटित।
- इस परियोजना को दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।