महिला महाविद्यालय, किदवई नगर के प्रेक्षागार में शारीरिक शिक्षा विभाग की ओर से गुरुवार को उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय “शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए योग:
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दीप जलाकर किया शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्राचार्या प्रो. अंजू चौधरी कहा कि योग की महत्ता को आज संपूर्ण विश्व ने एक स्वर से स्वीकार किया है। मनो- शारीरिक स्वास्थ्य एवं कार्य क्षमता की दृष्टि से इसे दैनिक जीवन का अपरिहार्य अंग माना है।
प्रोफेसरों को किया गया सम्मानित।
योग शरीर, मन तथा आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है
आयोजन सचिव प्रो. दीपाली निगम ने कहा कि योग शरीर, मन तथा आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। आसन व प्राणायाम शरीर को मजबूत एवं लचीला बनाते हैं तथा जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं।
मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि योग के बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, योग हमें निरोगी रहने में मदद करता है।
योग को महत्वपूर्ण बताया
विधायक महेश चंद्र त्रिवेदी ने भी योग को मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। संरक्षिका कुमकुम स्वरूप ने ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी।
गौरवेन्द्र स्वरूप ने चयनित विषय को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि व्यस्तता के इस दौर में योग विद्यार्थियों में संयम एवं धैर्य जैसे गुणों का विकास करेगा। मुख्य वक्ता प्रो. लक्ष्मी नारायण जोशी ने नाड़ी विज्ञान जैसी विधा को प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने स्पॉन्डिलाइटिस, सियाटिका जैसी नाड़ी से संबंधित बीमारियों के बारे में भी विस्तृत चर्चा की।
30 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए
रिसोर्स पर्सन जे. एनएमपीजी कॉलेज, बाराबंकी प्रो. संतोष कुमार गौड़ तथा प्रो. आलोक कुमार पांडेय ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की जिसमें ऑनलाइन तथा ऑफलाइन लगभग 30 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।