29 नवंबर को मिली थी पहली बार शिकायत। उसके बाद शुरू हुई थी जांच।
पलामू बालिका गृह कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। बालिका गृह की एक लड़की गायब है। वो कहां है?, किसके साथ है? इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। यह खुलासा 5 दिसंबर को हुआ, जब बच्चियों को रांची शिफ्ट किया गया।
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गुरुवार रात 27 बच्चियों को रांची शिफ्ट किया गया। जबकि, बालिका गृह के रजिस्टर में 28 बच्चियों के नाम दर्ज हैं। एक लड़की के कम मिलने के बाद हड़कंप मच गया है।
पुलिस को पूछताछ में बताया गया था कि लड़की लातेहार इलाके की है और उसे 18 वर्ष उम्र होने पर घर पहुंचा दिया गया है। मगर अब तक उसका पता नहीं चल पाया है।
सच उजागर ना हो, इसलिए एक बच्ची को मार डाला
जिला बीस सूत्री की उपाध्यक्ष विमला कुमारी के मुताबिक, 4 साल से बालिका गृह की बच्चियों के साथ यौन शोषण हो रहा था। जिस बच्ची के साथ संचालक ने यौन शोषण किया है, उसकी छोटी बहन भी साथ में रहती थी।
बड़ी बहन के शोषण की छोटी बहन चश्मदीद थी। इसलिए छोटी बहन को मार दिया गया। संदिग्ध स्थिति में उसकी मौत हुई थी। मगर इस मौत को बीमारी से मौत बताकर रफा दफा कर दिया गया।
बालिका गृह का सुपरिटेंडेंट (संचालक) राम प्रताप गुप्ता के साथ काउंसलर प्रियंका कुमारी जेल में है।
बच्चियों की फोटो खींचकर अपने पास रख लेता था
मामला सामने आने के बाद से ही बालिका गृह का सुपरिटेंडेंट (संचालक) राम प्रताप गुप्ता के साथ काउंसलर प्रियंका कुमारी जेल में है। सूत्रों के अनुसार, धीरेन्द्र बालिका गृह की बच्चियों पर गंदी नजर रखता था।
धीरेन्द्र रेस्क्यू की गई बच्चियों को बालिका गृह भेजने के पहले उनका फोटो खींचकर अपने पास रख लेता था।काउंसलर प्रियांका को वह फोटो भेजकर लड़कियों की डिमांड करता था। इस मामले में धीरेन्द्र कभी भी गिरफ्तार हो सकता है।
काउंसलर प्रियंका अपनी मर्जी के मुताबिक बालिका गृह को चलाती थी। इसमें सीडब्ल्यूसी का उसे संरक्षण प्राप्त था। बच्चियों को छोटी गलती पर भी प्रियंका उन्हें बेरहमी से मारती थी। बच्चियों की पिटाई की जानकारी भी सीडब्ल्यूसी को थी, पर काउंसलर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
डिलीट चैट को रिस्टोर करने का प्रयास
इधर, जानकारी मिल रही है कि काउंलसर प्रियंका और सीडब्ल्यूसी सदस्य धीरेन्द्र कुमार के काफी नजदीकी रिश्ते थे। अब उनका मोबाइल फोन बालिका गृह कांड का पूरा राज खोलेगा।
काउंलसर के मोबाइल फोन में उनके बीच हुए व्हाट्सएप चैट डिलीट मिले हैं। मोबाइल फोन से डिलीट किए गए चैट को रिस्टोर किया जाएगा और फोन की फॉरेंसिक जांच होगी।

इलाज के नाम पर बच्चियों को ले जाते थे बाहर
बच्चियों के रख रखाव पर सरकारी सहायता के तौर पर एक बच्ची के लिए तीन हजार रुपए एनजीओ (विकास इंटरनेशनल) को दिए जाते थे। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि बच्चियों को बीमारी के इलाज के नाम पर बाहर भेजा जाता था। मगर जांच के दौरान पाया गया है कि इलाज से संबंधित रिकॉर्ड वहां नहीं है।
CWC अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, सदस्य फरार
मामला सामने आने के बाद बाल विकास समिति (CWC) के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है और कार्यालय नहीं जा रहे हैं। एक सदस्य फरार है। काउंसलर को बर्खास्त कर दिया गया है।
कैसे खुला यह घिनौना करनामा
दरअसल, 29 नवंबर को मानवाधिकार संगठन की टीम की पलामू अध्यक्ष संध्या सिंह के नेतृत्व में बालिका गृह की व्यवस्था देखने गई थी। इसी दौरान टीम को कुछ बच्चियों ने अपनी पीड़ा सुनाई। उन्होंने बताया कि राम प्रताप गुप्ता बालिका गृह के पास ही बैंक कॉलोनी में रहता है।
संध्या सिंह को एक बच्ची ने बताया कि दिवाली और छठ के बीच गुप्ता उसे दो बार अपने घर ले गया। वहां उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। कुछ अन्य बच्चियों ने भी संचालक पर इसी तरह का आरोप लगाया। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।

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पलामू बालिका गृह की बच्चियों के साथ यौन शोषण की जांच रिपोर्ट एसडीएम सुलोचना मीणा ने डीसी शशिरंजन को सौंप दी है। डीसी ने रिपोर्ट के बाद कहा है- CWC (बाल कल्याण समिति) को बर्खास्त किया जाएगा। प्रोटेक्शन ऑफिसर इंस्टीट्यूटनल केयर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
SDM की जांच रिपोर्ट में कई हैरान कर देने वाली बातें सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, महिला काउंसलर की मिलीभगत से सुपरिटेंडेंट (संचालक) बीते 3 साल से बच्चियों का शोषण कर रहा था। वह कमजोर तबके की लड़कियों को अच्छा खाना और कपड़े का लालच देता था। पढ़िए पूरी खबर…