शहर के हर प्रमुख सड़क पर बाजार लग रहा है। इसका असर ये हो रहा है कि इससे आधे शहर का ट्रैफिक जाम हो रहा है। राज्य बनने के 25 साल बाद भी निगम और प्रशासन इन बाजारों को शिफ्ट नहीं कर पाया है। सख्ती से कार्रवाई नहीं होने से इन बाजारों को आज तक नहीं हटाया ज
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शहर में तात्यापारा चौक से लाखेनगर चौक की ओर जाने वाली सड़क पर दशकों से अवैध बाजार लग रहा है। सुबह और शाम इस सड़क पर चलना मुश्किल होता है, क्योंकि सड़क के दोनों ओर सब्जी बेचने वालों का कब्जा हो जाता है। पुरानी बस्ती थाने के सामने महामाया मंदिर से दूधाधारी मठ की ओर जाने वाली सड़क पर सब्जी बाजार लगाया जा रहा है। इस सड़क के दानों ओर भी सब्जी बेचने वालों की दुकानें सजी रहती है। इसकी वजह से पुरानी बस्ती की पूरी सड़क पर शाम से जाम लगा रहता है। फाफाडीह चौक पार करते ही रेलवे क्रासिंग तक सब्जी और फल वालों की दुकानें सज जाते हैं। इससे इस सड़क पर आना-जाना मुश्किल हो जाता है।
आसपास की सभी सड़कों पर हो रहा असर तात्यापारा चौक, पुरानी बस्ती, फाफाडीह, कुशालपुर, गंजपारा, राठौर चौक, अवंति बाई चौक, मोवा समेत कई जगहों पर सड़क पर बाजार लग रहा है। इस वजह से 20 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़क संकरी हो जाती है। इन सड़कों पर लग रहे जाम के असर से शहर की बाकी सड़कों पर भी गाड़ियों का दबाव बढ़ जाता है। लोग रास्ते बदलते हैं और कई बार बायपास सड़कों का उपयोग करते हैं। इस वजह से ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो जाता है। जानकारों का कहना है कि बाजारों को व्यवस्थित किया जाता तो शहर में ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या बहुत हद तक हल हो जाती। लेकिन इस दिशा में कभी कोई गंभीर काम नहीं किया गया।
1. पुरानी बस्ती थाने के पास महामाया मंदिर के सामने जाने वाली सड़क पर सब्जी वालों का कब्जा। 2. तात्यापारा चौक से लाखेनगर जाने वाली सड़क पर सब्जी बाजार की वजह से रोज लग रहा जाम।
योजना बनाकर काम करेंगे ^ जिन-जिन जगहों पर सड़कों पर बाजार लग रहे हैं उन्हें व्यवस्थित करने के लिए योजना बनाकर काम करेंगे। इससे पहले भी कई जगहों से सड़क पर लगने वाले बाजारों को शिफ्ट किया है। शासकीय योजनाओं के तहत दुकानें भी बनाकर दी गई हैं। कई बार लोग वापस वहां दुकानें लगा लेते हैं। डॉ. गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर रायपुर
निगम ने दुकानें तो बनाईं वहां शिफ्टिंग नहीं करा पाए
नगर निगम की ओर से पौनी पसारी और कई शासकीय योजनाओं के तहत दुकानें तो बनाई, लेकिन दुकानदारों को वहां शिफ्ट नहीं कर पाए। महोबा बाजार को शिफ्ट करने के लिए वहीं पौनी पसारी योजना के तहत दुकानें बनाकर दी गई। लेकिन इन दुकानों में एक भी सब्जी या फल वालों को शिफ्ट नहीं किया जा सका।
दुकानदारों को कहना है कि दुकानें सड़क से बेहद अंदर बना दी गई हैं। लोग वहां जाना पसंद नहीं करते हैं। इसी तरह टिकरापारा के सब्जी और मटन बाजार को शिफ्ट करने के लिए दो पार्ट में नया कांप्लेक्स बनाया गया। लेकिन 7 साल बाद भी इस कांप्लेक्स में भी एक दुकानदार को शिफ्ट नहीं किया गया। यही वजह है कि लोग आज भी सड़क पर लगे दुकानों से सामान खरीद रहे हैं। यहां गंदगी भी बढ़ रही है।