सतना जिला पंचायत की सामान्य सम्मेलन की बैठक में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। महिला सदस्यों ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए फंड न मिलने का मुद्दा उठाया और विरोध स्वरूप सदन से बाहर निकलकर धरने पर बैठ गईं।
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बैठक की शुरुआत में ही सदस्यों ने अपने क्षेत्र के फंड की जानकारी मांगी। जब अध्यक्ष और सीईओ संजना जैन ने एजेंडे पर चर्चा करने का आग्रह किया तो नाराज महिला सदस्यों ने फंड वितरण में भेदभाव का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीईओ को पुलिस बुलानी पड़ी, जिससे सदस्य और अधिक नाराज हो गए।
महिला सदस्यों का आरोप था कि भोपाल से आने वाले बजट का समान वितरण नहीं हो रहा है। कुछ वार्डों में 25-30 लाख रुपए के काम हो रहे हैं, जबकि कुछ वार्डों को एक रुपया भी नहीं मिला। वार्ड 22 की सदस्य एकता सिंह ने बताया कि ढाई साल में उनके क्षेत्र को कोई बजट नहीं मिला।
इस विवाद की जड़ें एक दिन पहले ही दिखाई दी थीं, जब जिला पंचायत सदस्य सावित्री त्रिपाठी के प्रतिनिधि रितेश त्रिपाठी ने एक वीडियो जारी कर इसी तरह के आरोप लगाए थे। करीब एक घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष राम खेलावन कोल के हस्तक्षेप से सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन वार्ड 19 की सदस्य जाह्नवी यादव और एकता सिंह अपने क्षेत्रों के बजट पर चर्चा की मांग पर अड़ी रहीं।
दरअसल, इस पूरे मामले में जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि रितेश त्रिपाठी ने बताया कि जिला पंचायत में अधिकांश सदस्य भाजपा समर्थित हैं। फंड मुंह देख कर अलॉट किया जा रहा है। लिहाजा कई वार्डों में ढाई साल में कुछ काम ही नहीं हुए। सरपंच डायरेक्ट फंड ले जाते हैं, जिसकी जानकारी जिला पंचायत सदस्यों को नहीं दी जाती है।