सतना के एक गांव में 8 दिसंबर को हुई 85 वर्ष के बुजुर्ग की हत्या का मामला पुलिस ने रविवार को सुलझा लिया। पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस के अनुसार, बुजुर्ग की पौती के 33 वर्षीय प्रेमी ने उसे मौत के घाट उतारा था। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया
.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि इसी वजह से मैं योजनाबद्ध तरीके से बुजुर्ग के गांव पहुंचा और उनसे पीने का पानी मांगा। जब बुजुर्ग ने उसे पानी दिया तो यह कहते हुए उसने पानी फेंक दिया कि उसमे कचरा है। जब वह दोबारा पानी लेने गया तो पीछे से जाकर उसकी गर्दन पर चाकू से वार कर दिया। इसके बाद उसका प्राइवेट पार्ट भी काट कर फेंक दिया था।
बच्चों से अलग रहता था बुजुर्ग पुलिस अधीक्षक सतना आशुतोष गुप्ता ने बताया कि मामले में आरोपी शैलेन्द्र सिंह पटेल पिता अमोल सिंह (33) निवासी ग्राम रहट थाना चोरहटा जिला रीवा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उस तक सीसीटीवी फुटेज के जरिए पहुंची। एसपी ने बताया कि बुजुर्ग गांव में अपने परिवार से अलग दूसरे घर में रहता था। उसका बड़ा बेटा उसी गांव में ही रहता है जबकि छोटा बेटा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है।
उसका मझला बेटा काफी समय पहले अपनी पत्नी तथा बेटी के साथ रीवा जिले में अपनी ससुराल चला गया था। उसकी बेटी कैंसर पीड़ित है, जिसका इलाज भी चल रहा है। आरोपी शैलेन्द्र मझला बेटे के परिवार से ही जुड़ा है। उसका संपर्क मझले बेटे की 24 साल की बेटी से लगभग 5 साल पहले हुआ था, तब से वह कई बार इलाज कराने उसके साथ गया और काफी समय तक जेपी मोड़ रीवा स्थित फ्लैट पर रहकर उसने बेटी की देखभाल भी की।
हत्यारा पानी पीने के बहाने बुजुर्ग के घर में घुसा था।
परिवार से इमोशनल अटैचमेंट था एसपी के अनुसार, आरोपी से पूछताछ में पता चला कि शैलेन्द्र का उस परिवार से इमोशनल अटैचमेंट हो गया था। साथ रहने के दौरान एक दिन प्रेमिका की 50 वर्षीया मां ने बताया कि उसका ससुर यानी मृतक उसके साथ कई बार अश्लील हरकत कर चुका है।
इन्हीं हरकतों के कारण वह अपने पति और बेटी के साथ अपने मायके आकर रहने लगी। इतना ही नहीं बुजुर्ग उनकी कोई मदद-फिक्र भी नहीं करता। खेती से होने वाली सारी कमाई वह छोटी बहू को दे देता है। बेटी के इलाज में भी उसने कोई मदद नहीं की। यह सब जानकर शैलेन्द्र ने बुजुर्ग की हत्या की योजना बनाई और वारदात को अंजाम दे दिया। एसपी ने बताया कि आरोपी ने हत्या के बाद लवकेश के परिवार से बात भी की और मुलाकात भी की लेकिन उन्हें कुछ नहीं बताया।

हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
ऐसे आया पकड़ में आरोपी एसपी ने बताया कि घटना की जांच के लिए सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी। जिसमें कोलगवां टीआई और उनकी टीम के साथ बाबूपुर पुलिस चौकी के स्टाफ और साइबर सेल को शामिल किया गया। मृतक के घर पर सीसीटीवी कैमरा लगा था। पुलिस ने जब फुटेज चेक किए तो उसने सफेद कुर्ता पायजामा, दस्ताने और चश्मा और हेलमेट लगाए हुए एक शख्स को वृद्ध के घर के अंदर जाता और उससे बात करता देखा। लेकिन जब वह बाहर आया तो अकेला था, उसके काफी देर बाद तक भी वृद्ध बाहर नहीं निकला था।
इस सुराग के आधार पर पुलिस ने संदिग्ध के हुलिए से मिलते-जुलते कई लोगों को जांच के घेरे में लिया और फिर शैलेन्द्र तक जा पहुंची। शैलेन्द्र पहले कभी उस गांव में नहीं आया था। इसलिए उसे वहां कोई पहचानता नहीं था। पुलिस ने सतना से रीवा के बीच लगभग 4 सौ कैमरों के फुटेज चेक किए। पुलिस ने शैलेन्द्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने पहले तो पुलिस को गुमराह भी किया लेकिन बाद में उसने सच बयां कर दिया।
पुलिस टीम को इनाम का ऐलान इस हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। टीम में एएसपी शिवेश सिंह बघेल, सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान, इंस्पेक्टर FSL महेंद्र सिंह, टीआई कोलगवां सुदीप सोनी, टीआई रामपुर संदीप चतुर्वेदी, इंस्पेक्टर विजय सिंह, सब इंस्पेक्टर दशरथ सिंह , सब इंस्पेक्टर साइबर सेल अजीत सिंह , एएसआई साइबर सेल दीपेश कुमार पटेल , हेड कांस्टेबल बृजेश सिंह, वाजिद खान, अंकित सिंह, सतेंद्र सिंह, अभिषेक पांडेय, अमर सिंह, महिला आरक्षक अलका पांडेय, कांस्टेबल राकेश कश्यप, प्रतीक सिंह, धर्मेंद्र गुर्जर, उपेश पाठक, मुकेश यादव एवं प्रवीण तिवारी शामिल रहे।