Thursday, December 26, 2024
Thursday, December 26, 2024
Homeराशिफलसफला एकादशी पर पूजा समय करें यह उपाय, प्रसन्न हो जाएंगे श्रीहरि,...

सफला एकादशी पर पूजा समय करें यह उपाय, प्रसन्न हो जाएंगे श्रीहरि, कार्यों में मिलेगी सफलता!



सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर गुरुवार को है. इस दिन आप व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के कार्य सफल होते हैं और पाप मिटते हैं. विष्णु कृपा से जीवन के अंत में व्यक्ति को वैकुंठ में स्थान मिलता है. यदि आप एकादशी व्रत नहीं रख सकते या विधि विधान का पालन नहीं कर सकते हैं तो आप इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आसान उपाय कर सकते हैं. इस​ दिन आप स्नान करके साफ कपड़े पहन लें, फिर पूजन करें.

पूजा के समय श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें. इसमें भगवान विष्णु की महिमा का गुणगान किया गया है. इसको पढ़ने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. श्री विष्णु चालीसा का पाठ गुरुवार और एकादशी के दिन करना शुभ फलदायी होता है. यदि आप से संभव हो तो आप श्री विष्णु चालीसा का पाठ प्रतिदिन कर सकते हैं तो अच्छा है. इससे आपका गुरु ग्रह भी मजबूत होगा. उसका शुभ फल प्राप्त होगा. आइए जानते हैं श्री विष्णु चालीसा के बारे में.

ये भी पढ़ें: 26 दिसंबर को सफला एकादशी, विष्णु पूजा के समय जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, हर शुभ कार्य में मिलेगी सफलता!

श्री विष्णु चालीसा

दोहा
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय॥

चौपाई
नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत॥

शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन॥

पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा॥

आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया॥
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया॥

कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया॥
वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया॥

असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥

देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥

ये भी पढ़ें: नए साल में गुरु करेंगे मिथुन में गोचर, इन 8 राशिवालों पर बरसेगी कृपा, धन, नई जॉब, विदेश यात्रा का योग!

हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥
चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ॥
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥

भगवान विष्णु की जय…भगवान विष्णु की जय…भगवान विष्णु की जय!!!

Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Religion



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular