धार जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए 89 केंद्रों की तैयारी की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 10 फरवरी को 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की थी। लेकिन, इस समय किसान मंडी में अपनी फसल बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
.
इसका कारण है कि मंडी में समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिल रही है। अभी तक सरकारी खरीद की तिथि की घोषणा नहीं हुई है। वर्तमान में जिन किसानों की फसल कट चुकी है या कटाई के करीब है, वे मंडी का रुख कर रहे हैं।
दूसरी ओर जिन किसानों की फसल अभी खेतों में खड़ी है, वे सरकारी खरीद के लिए पंजीकरण करा रहे हैं। अब तक 8196 किसानों ने पंजीकरण कराया है। खरीद की तिथि की अनिश्चितता के कारण किसान अपनी फसल मंडी में बेचना पसंद कर रहे हैं। यहां उन्हें तत्काल भुगतान के साथ बेहतर मूल्य भी मिल रहा है।
8196 किसानों ने करवाया पंजीकरण
खाद्य विभाग के अनुसार, जिले के बदनावर तहसील में सबसे अधिक 3705 किसानों ने 12003.19 हेक्टेयर भूमि के लिए पंजीकरण करवाया है। जबकि धार में 3026 किसानों ने 10431.56, सरदारपुर में 1451 किसानों ने 4067.41, पीथमपुर में 928 किसानों ने 2792.40, मनावर में 30 किसानों ने 65.26, कुक्षी में 16 किसानों ने 31.92, गंधवानी में 17 किसानों ने 40.15, धरमपुरी में 13 किसानों ने 31.87 हेक्टेयर और डही में मात्र 7 किसानों ने 12.16 हेक्टेयर भूमि के लिए पंजीकरण करवाया है। इस तरह से जिले में 9 तहसीलों में 9193 किसानों ने 29475.91 हेक्टेयर के लिए पंजीकरण करवाया है।
7119 ने ही बेचा था गेहूं
पिछले साल जिले में समर्थन मूल्य पर 39 हजार 307 किसानों ने उपज बेचने के लिए पंजीकरण करवाया था। किंतु, इसमें से मात्र 7119 किसानों ने ही गेहूं का विक्रय किया था। इसमें 75,000 मैट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। इसमें जो लक्ष्य रखा था वह भी पूरा नहीं हो पाया था। इसकी मुख्य वजह यह थी कि मंडी में समर्थन मूल्य के बेहतर दाम मिले थे। गत वर्ष समर्थन मूल्य पर 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। इस बार 89 केंद्रों पर खरीदी की जाएगी।