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नई दिल्ली8 मिनट पहले
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केंद्र सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF), पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED), यानी विंडफॉल टैक्स को हटा दिया है। अब पेट्रोल-डीजल का एक्सपोर्ट करने वाली रिफाइनिंग कंपनियों को कोई विंडफॉल टैक्स नहीं देना होगा।
साथ ही सरकार ने क्रूड प्रोडक्ट्स पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स को भी हटा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में नोटिफिकेशन पेश किया, जिसमें यह जानकारी दी गई थी।
सरकार ने अगस्त में भी क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स घटाया था
तीन महीने पहले सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादन किए जाने वाले क्रूड ऑयल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स को घटाया था। अपनी रेगुलर रिव्यू में सरकार ने विंडफॉल टैक्स को 2,100 रुपए प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 1,850 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया था। यह बदलाव 31 अगस्त से लागू हुआ था। सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स रिव्यू करती है।
इससे पहले सरकार ने 16 अगस्त को विंडफॉल टैक्स 4,600 रुपए प्रति मीट्रिक टन से 54.34% घटाकर 2,100 रुपए प्रति मीट्रिक टन कर दिया था। इस हिसाब से अगस्त महीने में दो बार में सरकार ने 59.78% विंडफॉल टैक्स घटा दिया था। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने डीजल, पेट्रोल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) यानी एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल होने वाले ईंधन पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को शून्य पर बनाए रखने का फैसला किया था।
यानी घरेलू रिफाइनरों को डीजल, पेट्रोल और ATF के निर्यात पर मिल रही छूट आगे भी बरकरार रहने वाली है। इससे उन घरेलू कंपनियों को फायदा होता रहेगा, जो रिफाइनरी चलाती हैं और डीजल, पेट्रोल और ATF जैसे रिफाइंड प्रोडक्ट को देश के बाहर के बाजारों में बेचती हैं।

सरकर ने कब लगाया था विंडफॉल टैक्स?
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ ही विंडफॉल टैक्स को भी रिवाइज किया जाता है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 को पहली बार विंडफॉल टैक्स लगाया था। फिलहाल ऐसे कई देश हैं जो एनर्जी कंपनियों को होने वाली मोटी कमाई पर टैक्स वसूलते हैं।