Monday, June 9, 2025
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सरकार रहे या जाए, परिसीमन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी: सीएम – Ranchi News



झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा-इन्होंने पूरे देश में परिसीमन का षड्यंत्र रचा है। लेकिन सरकार रहे या जाए, परिसीमन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। जनता के

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हेमंत ने कहा कि ये चुनाव आयोग को कुछ नहीं समझते। जनादेश मिले या न मिले, ये हर हाल में सत्ता पर काबिज होना चाह​ते हैं। अधिक से अधिक राज्यों में अपनी सरकार बनाना चाहते हैं, ताकि हमारे सुरक्षा कवच संविधान को फेंक सकें। इनका व्यवहार बहुत खतरनाक है। ये जहर बोते हैं, ताकि लोगों में तनाव हो। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सभी साजिशों और सरकार गिराने के प्रयासों के बाद भी हमारी सरकार पहले से अधिक मजबूती के साथ सत्ता में आई है। जनता ने विपक्ष का असली चेहरा देख लिया है। इनका नकाब पूरी तरह उतर चुका है। सीएम ने कहा कि पहले इनकी सरकार थी। इन्होंने राज्य को तो भटकाया ही, खुद भी भटक गए। संख्या भी कम हो गई। इनका एक नेता कहता है कि संथाल परगना को झारखंड से अलग कर दो। एक नेता सरायकेला को अलग करने की बात कहता है। उन्होंने कहा कि हम जैसे कमजोर और आदिवासी लोग जब सीएम बनते हैं तो इन्हें तकलीफ होती है।

डीएसपीएमयू का नाम बदलेगा… अब वीर शहीद बुधू भगत के नाम पर होगी

रांची की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (डीएसपीएमयू) का नाम बदलेगा। नया नाम वीर शहीद बुधू भगत यूनिवर्सिटी होगी। उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि डीएसपीएमयू का नाम बदलने पर सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

उन्होंने कहा है कि अगर हमारी सरकार शहीदों को सम्मान नहीं देगी, तो कौन देगा। क्या, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में हमारे शहीदों के नाम एक भी विश्वविद्यालय है। शहीदों के नाम पर यूनिवर्सिटी होने से राज्य के छात्र-छात्राओं को अपने शहीदों को जानने का मौका मिलेगा। झामुमो विधायक विकास मुंडा ने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से डीएसपीएमयू का नाम बदलकर वीर शहीद बुधू भगत विश्वविद्यालय करने की मांग की थी। बता दें कि 2017 में भाजपा सरकार ने राज्य के सबसे पुराने रांची कॉलेज को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के रूप स्थापित किया था।

मंईयां सम्मान योजना से बदल रही गांवों की अर्थव्यवस्था

सीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना से गांवों की अर्थव्यवस्था बदल रही है। महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान आई है। डेढ़ लाख एकड़ जमीन पर फलदार पेड़ लगाए हैँ। जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लिफ्ट और पाइपलाइन इरिगेशन योजना शुरू की है। नेतरहाट की तर्ज पर दुमका, चाईबासा और बोकारो में स्कूल बनाए जा रहे हैं। अब बेहतर सड़कें बनाई जाएंगी। एमएसएमई के लिए निदेशालय बनेगा। रिम्स को 7000 करोड़ रुपए की लागत से नया भवन मिलेगा। हेलीकॉप्टर एंबुलेंस की फ्री सेवा शुरू होगी। हर अस्पताल में हेलीपैड बनाए जाएंगे। लंबे अंतराल के बाद सदन को नेता प्रतिपक्ष मिला है। अब कई लंबित नियुक्तियां जल्द होंगी।

अनिल टाइगर के हत्यारों पर होगी कड़ी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल टाइगर के हत्यारों के ​खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यह घटना अत्यंत निंदनीय है। उनकी परिवार के साथ हमारी पूरी सहानुभूति और संवेदना है। सरकार के तीन मंत्री दिवंगत के परिजनों से मिलकर आए हैं। पर रांची बंद कराने की क्या जरूरत थी। जितने दुकान वाले हैं, सब उनके ही वोटर हैं। कह दिया तो उन्होंने दुकानें बंद कर दीं।

विस्थापन व पुनर्वास आयोग का गठन 90 दिन में

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि विस्थापन और पुनर्वास आयोग का गठन होगा। यह कैबिनेट में पारित हो चुका है। 90 दिन के भीतर नियमावली बनाकर आयोग का गठन किया जाएगा। मंत्री दीपक बिरुआ ने गैर सरकारी संकल्प का जवाब देते हुए ये बातें कहीं। भाजपा विधायक रोशनलाल चौधरी ने राज्य में विस्थापन, पुनर्वास, पुनर्व्यवस्थापन आयोग के गठन का मामला गैर सरकारी संकल्प के जरिए उठाया था। उन्होंने कहा कि दो पीढ़ी के बाद भी विस्थापितों के परिवार की स्थिति दयनीय है। इसलिए आयोग का गठन किया जाए।

मातृभाषा में पढ़ाई के लिए होगी शिक्षकों की नियुक्ति

स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही पंचायत स्तर पर सर्वे कराकर सभी स्कूलों में मातृभाषा की पढ़ाई शुरू करने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई होती है। इसका अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी ने रिपोर्ट विभाग को दे दी है। जल्द ही इसे मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। मुख्यमंत्री जो भी फैसला लेंगे, उसके आधार पर शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से प्राथमिक, मिडिल और उच्च विद्यालयों जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं से पढ़ाई अनिवार्य करते हुए शिक्षकों की नियुक्ति का मामला उठाया था।

मंत्री बोले- राज्य सरकार ने दी सैद्धांतिक सह​मति



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