सीवान में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से अनुदान प्रदान किया गया है। इसके तहत 9 से 14 साल की बच्चियों को टीकाकृत किया जाएगा। आगामी 1 अक्टूबर को सीवान के पांच विद्यालयों की 75 बच्चियों को टीके लगाए जाएंगे।
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बता दें कि भारत में महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) का कैंसर दूसरा सबसे प्रमुख कैंसर है, जिसे रोकने के लिए सरकार ने एक सार्थक कदम उठाया है। एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) टीकाकरण और नियमित जांच से इस कैंसर को रोका जा सकता है। भारत सरकार पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफलतापूर्वक एचपीवी टीकाकरण के बाद अब यहां अभियान चलाया जाएगा।
सिविल सर्जन ने दी टीकाकरण की जानकारी
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि बिहार में सर्वाइकल कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जहां हर साल करीब 1.20 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं। सर्वाइकल कैंसर के 90 प्रतिशत मामले एचपीवी संक्रमण के कारण होते हैं। एचपीवी टीकाकरण से 98 प्रतिशत तक इस बीमारी से बचाव संभव है। खासकर 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों में, क्योंकि इस आयु वर्ग की युवतियों में टीकाकरण से रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से विकसित होती है।
सीवान सदर अस्पताल की फोटो।
टीकाकरण अभियान की तैयारियां
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि सीवान के पांच सरकारी और निजी विद्यालयों में 100 किशोरियों को टीकाकृत करने की योजना है। इसके लिए आठ सदस्यीय टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 1 अक्टूबर को सदर अस्पताल में आयोजित टीकाकरण सत्र में बच्चियों को दो खुराक दी जाएगी, जो छह माह के अंतराल पर दी जाएंगी। इस अभियान को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए अनुशंसित किया गया है।