नोटिस…सस्पेंड…और बहाली के बाद मनचाही पोस्टिंग। गुना में कुछ इस तरह का खेल खेला जा रहा था। इसका खुलासा कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची शिक्षक की शिकायत के बाद हुआ है। कलेक्टर ने भी जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को दोषी पाया है। बता दें कि कलेक्टर ने एक समि
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टीचर की 3 सितंबर को मिली शिकायत पर खुलासा दरअसल, ये पूरा मामला 3 सितंबर को सामने आया। एक शिक्षक की शिकायत जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने पहुंची। कलेक्टर ने वहीं पर DEO चंद्रशेखर सिसोदिया से उस मामले में हुई कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि इसमें शिक्षक को नोटिस जारी कर दिया गया है। DEO के इस जवाब पर कलेक्टर भड़क गए। उन्होंने DEO से कहा कि आप छह महीने से नोटिस-नोटिस कर रहे हो, ताकि आपकी दुकान चलती रहे। मैं किसी जगह देखकर आया हूं, सस्पेंड करिए उसे। हर जगह नोटिस देते रहते हो। हर दिन नोटिस। आप कौन होते हो नोटिस देने वाले। जब सस्पेंड करने का मैंने बोला तो आप क्यों नोटिस दोगे। आप को देना ही नहीं है नोटिस। सस्पेंड कौन करेगा।
पढ़ना न लिखना, हर काम के नोटिस भेज रहे हो DEO ने कहा कि JD करेंगे या आप (कलेक्टर) करेंगे। इस पर कलेक्टर ने कहा कि तो मुझे करने दीजिए सस्पेंड, आप क्यों नोटिस दे रहे हैं। निलंबित करने के लिए नोटिस देने की जरूरत क्यों है। कोई नोटिस नहीं देना है, निलंबित करिए। पढ़ना न लिखना, हर काम के नोटिस भेज रहे हो। बुलाओ उस बाबू को जो नोटिस दे रहा है। देखते हैं कितना बड़ा नोटिसबाज है। आपने पिछले छह महीने से एक आदमी को सस्पेंड नहीं किया। क्यों आप नोटिस – नोटिस खेलते हो।
3 सितंबर को मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने DEO को फटकार लगाई थी।
जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने जांच बिठा दी। अगले ही दिन 4 सितंबर को ADM सहित अन्य अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और फाइलों की जांच की। इस जांच में कई ऐसे खुलासे हुए, जो चौंकाने वाले थे। कई दिन तक चली जांच में यह सामने आया कि DEO ने मनचाही जगह शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए निलंबन और बहाली का तरीका अपनाया। दरअसल, शिक्षकों का तबादला प्रदेश स्तर और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होता है। DEO को तबादले का अधिकार नहीं है। लेकिन, वह निलंबित शिक्षक की बहाली जिले के किसी भी स्कूल में कर सकते हैं। इसी बात का DEO ने फायदा उठाया।
पांच मामलों से समझिए निलंबन और बहाली का खेल…
- शराब पीने में सस्पेंड, फिर पांच किलोमीटर दूर पोस्टिंग: शिक्षक सत्येंद्र दोहरे जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर सोनखरा स्कूल में पदस्थ थे। उनकी स्कूल में शराब पीकर आने की शिकायत हुई। 5 फरवरी को कलेक्टर ने शिकायत के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया। निलंबन के बाद DEO ने मामले की जांच की। 21 जून को उनको बहाल कर दिया। फिर उनकी पोस्टिंग जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर रानीगंज स्कूल में कर दी।
- 60 किमी दूर से 15 किमी दूर पोस्टिंग: शिक्षक जितेंद्र शर्मा जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बमोरी इलाके के प्राथमिक विद्यालय सलैया राय में पदस्थ थे। 15 मार्च को उन्हें सस्पेंड किया गया। इसके बाद विभागीय जांच कराई गई। विभागीय जांच में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। इसके बाद DEO ने उन्हें 13 जून को बहाल करते हुए जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूर विसोनिया स्कूल में पोस्टिंग दे दी।
- मारपीट के आरोपी प्राचार्य को सम्मानित करा दिया: जिले के फतेहगढ़ में स्थित सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य भगवत ओझा के खिलाफ कोर्ट में इन्द्रा कॉलोनी छबड़ा राजस्थान निवासी चेतन वैष्णव परिवाद पत्र लगाया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्राचार्य ने 9 अगस्त 2022 को उनके साथ मारपीट की। इसकी शिकायत पर गढ़ा के तत्कालीन प्राचार्य ने जांच की थी, जिसमें मारपीट की शिकायत सही निकली। इसके बाद भी डीईओ समेत अन्य शिक्षा अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। शिक्षक चेतन के परिवाद पत्र पर कार्रवाई कर कोर्ट ने 27 मई 2024 को भगवत ओझा के विरुद्ध 201,323, 427 के अंतर्गत अपराध संज्ञान में लिया था। इस आदेश के बाद ओझा के खिलाफ डीईओ कार्यालय ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्राचार्य ओझा शिक्षक पर इतने भारी पड़े कि उन्होंने उसका फतेहगढ़ से स्थानांतरण आरोन के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खामखेड़ा कर दिया। इतना ही नहीं जो आरोपी प्राचार्य थे, उनका अच्छा काम बताकर अनुशंसा की, जिससे उनका जिला स्तर पर 15 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम में सम्मान हुआ।
- दो शादी वाले शिक्षक को बक्शा: 300 ऐसे शिक्षकों के नामों की सूची मिली, जिनको 5 अक्टूबर 2023 से द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया था। सौ से अधिक शिक्षकों को नोटिस दिए गए थे। उनकी तरफ से कोई जवाब न मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। दो शिक्षकों की वह फाइलें हाथ लगीं, जिनकी दो शादियां हुईं। नियमानुसार उन्हें टर्मिनेट करने की जगह नोटिस देकर केवल एक वेतन वृद्धि रोकी गई थी। दो शिक्षकों की वो फाइल छुपाकर रखी गई थी, जिनके 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान हुई। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, केवल नोटिस दिया गया था। जबकि उन दोनों शिक्षकों को टर्मिनेट किया जाना था।
- गलत तरीके से से लिया दिग्यांग भत्ता: सहायक शिक्षक पहलवान सिंह धाकड़ गलत तरीके से दिव्यांग भत्ता लेते रहे। 2022 में उनके खिलाफ शिकायत की गई कि वे अवैध रूप से दिव्यांग भत्ता का लाभ ले रहे थे। जांच के दौरान एडीशनल CEO ने जब कागजातों की जांच की तो उसमें उक्त शिक्षक का ऐसा कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला, जो मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया गया हो। जो सर्टिफिकेट था, वह प्रथम दृष्टया फर्जी दिखाई दे रहा था। उसमें विकलांगता प्रतिशत वाले कॉलम में ओवर राइटिंग भी की गई थी। इस मामले में 8 सितंबर 2022 से जांच जारी है। इसी तरह शासकीय प्राथमिक विद्यालय मुरादपुर में पति-पत्नी दोनों शिक्षक हैं, लेकिन यहां पति दीपक बैरागी जाते हैं और पत्नी के हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं। कुछ समय पूर्व संकुल केन्द्र प्रभारी और डीईओ ने इस फर्जीवाड़े को पकड़ा, लेकिन मामला कागजों से बाहर ही नहीं निकल पाया।
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गुना कलेक्टर ने DEO को लगाई फटकार VIDEO:बोले- छह महीने से नोटिस-नोटिस खेल रहे, ताकि आपकी दुकान चलती रहे
गुना कलेक्टर ने मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई न कर केवल नोटिस देते रहने की बात पर कलेक्टर ने उन्हें फटकारा। कलेक्टर ने यह तक कह दिया कि छह महीने से नोटिस – नोटिस कर रहे हो, ताकि दुकान चलती रहे आपकी। आप हो कौन नोटिस देने वाले। कलेक्टर ने जिला पंचायत CEO को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। पूरी खबर पढ़ें