पीड़ित अरुण कुमार और उसका बेटा एसएसपी कार्यालय पहुंचे।
सहारनपुर में पतासे की दुकान चलाने वाले के नाम से 2017-18 से फर्म चल रही थी। उसे पता भी नहीं। लेकिन जब GST विभाग से टैक्स भरने का नोटिस पहुंचा तो दुकानदार के होश उड़ गए। दुकानदार का आरोप है कि उसने सात साल पहले एक सीए को अपने कागज GST में रजिस्ट्रेशन क
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थाना मंडी क्षेत्र के मोहल्ला गांधी कॉलानी के रहने वाले अरुण कुमार एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी बूरा बाजार में बूरा और पतासे की दुकान है। 2017-18 में अपने बेटे शुभम वर्मा के साथ एक सीए के पास GST लेने के लिए अपने कागजात दिए थे। जिसमें आधार और पैन कार्ड, फोटो, बिजली का बिल और दुकान पता और कागजात पर साइन करके दिए थे। लेकिन जब बाजार में दुकानदारों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि 5 लाख तक की इनकम वाले को इसकी जरूरत नहीं है।
अरुण वर्मा ने बताया कि ये बात सुनकर उसने सीए को जीएसटी और सीजीएसटी लेने से मना कर दिया। लेकिन सीए से कागज नहीं लिए। लेकिन करीब 7 साल बाद एक जब जीएसटी विभाग से लाखों रुपए का नोटिस आया तो उसके होश उड़ गए। उसके नाम और पते पर एक फर्म मै.जगदम्बा ट्रेडर्स प्रोपाईटर अरुण कुमार दर्शाया गया। जीएसटी आईएन 09AEPPK4611N1Z0 दिखाया है।
पीड़ित ने बताया कि उसकी इस नाम से कोई फर्म नहीं है। आरोप है कि सीए ने उसके कागजात लगाकर फर्जी तरीके से जीएसटी अप्लाई की और उस पर लेने-देन करता रहा। जब लाखों रुपए का नोटिस उस पर पहुंचा तो उसे सीए की करतूत का पता चला। उसका कहना है कि उसने न तो फर्म से कोई कारोबार किया, न ही इस फर्म का कोई खाता खुलवाया। इस फर्म के बिलों पर भी हस्ताक्षर नहीं किए। आरोप है कि सीए ने कई लोगों के साथ इस प्रकार का काम किया है। पीड़ित ने कार्रवाई करने की मांग की है।
एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि मामले को लेकर एक प्रार्थना पत्र आया है। मामले की जांच की जा रही है। जो जांच में सामने आएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।