Tuesday, May 6, 2025
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सहारनपुर में रिटायर्ड फौजी ने मांग रहा मृत्यु दंड: नगर निगम पर प्लाट में जबरन नाला बनाने का आरोप, 3 साल में 1500 से ज्यादा आईजीआरएस पर की शिकायत – Saharanpur News



कलेक्ट्रेट में तख्ती लेकर पहुंचा रिटायर्ड फौजी।

सहारनपुर में एक रिटायर्ड फौजी इंसाफ के लिए तीन साल से भटक रहा है। फौजी परेशान होकर मृत्यु दंड मांग रहा है। नगर निगम पर जबरन उसके प्लाट में नाला निर्माण कराने का आरोप लगाया है। रिटायर्ड फौजी लगातार प्रशासन के चक्कर काट रहा है। 1500 से ज्यादा शिकायत आई

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तख्ती लटकाकर पहुंचा कलेक्ट्रेट मंगलवार को रिटायर्ड फौजी मोहम्मद शाहिद कलेक्ट्रेट में गले में तख्ती लटकाकर पहुंचा। तख्ती पर लिखा है,”फौजी को मृत्यु दंड या अधिकारियों से इंसाफ।” रिटायर्ड फौजी का कहना है कि 24 साल तक सेना में कार्य करने बाद 2019 में रिटायर हुआ। फंड का जो पैसा मिला। उससे खाताखेड़ी में एक प्लाट खरीदा था। आरोप है कि नगर निगम ने जबरन उसको थाने में बैठाकर उसके प्लाट में नाले का निर्माण करा दिया। जिस कारण उसकी 8 लाख रुपए की जमीन नाले में चली गई।

एसडीएम ने कराई थी प्लाट की पैमाइश रिटायर्ड फौजी का आरोप है कि नगर निगम चौड़ीकरण के नाम पर उसके प्लाट पर जबरन नाला बनवा दिया है। आरोप है कि सड़क के दूसरे पार के लोगों द्वारा निगम की जमीन कब्जाई हुई है, लेकिन निगम उनको छेड़ नहीं रही है। बल्कि उसके खरीदे हुए प्लाट को ही टारगेट किया गया है। फौजी ने बताया कि मामले की जांच एसडीएम सदर और राजस्व के लोगों ने की थी। प्लाट की पैमाइश भी कराई गई। जो ठीक निकली। लेकिन प्रशासन की जांच को भी निगम ने नहीं माना।

निगम कर रहा गुमराह फौजी का कहना है कि वो लगातार शिकायत कर रहा है। लेकिन निगम शिकायतों को निपटारा खुद ही कर रहा है। 22 माह से एक फौजी का उत्पीड़न और गुमराह किया जा रहा है। फौजी का कहना है कि उसने अपनी जिंदगी की पूंजी इस प्लाट में लगा दी। ऐसे में उसके बच्चे सड़क पर आ जाएंगे।

तहसील की जांच में जमीन सरकारी नहीं निकली। लेकिन निगम प्रशासन की जांच को मानने के लिए भी तैयार नहीं है। पोर्टल पर की शिकायतों को लेकर निगम अपनी रिपोर्ट गलत भेज रहा है, शासन और प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है।

चाहिए इंसाफ नहीं तो दे मृत्यदंड फौजी का कहना है कि यदि उसे शासन-प्रशासन इंसाफ नहीं दे सकता है तो उसे मृत्युदंड की सजा दी जाए। अन्यथा निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कर सजा दी जाए। फौजी का आरोप है कि निगम लगातार तानाशाही कर रहा है। पोर्टल की शिकायत को अपने आप ही निपटारा कर हटाया जा रहा है। फौजी का कहना है कि उसका कोई फीडबैक भी नहीं लिया गया।



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