नई दिल्ली6 मिनट पहले
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कोर्ट ने केंद्र से कहा- आप राज्यों का सहयोग ले सकते हैं क्योंकि यह समस्या पूरे देश में है।
सुप्रीम कोर्ट ने सांप काटने से मौतों में बढ़ोतरी पर सोमवार को केंद्र सरकार से जरूरी उपाय करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि सरकार राज्यों के साथ मिलकर सांप काटने के बाद सही इलाज उपलब्ध कराने के लिए कुछ करे।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में कहा गया है कि दुनिया भर में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं।
यहां हर साल करीब 58 हजार मौत होती हैं। सांप के जहर के एंटी-वेनम की कमी की वजह से देश पब्लिक हेल्थ क्राइसिस का सामना कर रहा है।
बेंच ने केंद्र की ओर से पेश वकील से कहा- आप राज्यों का सहयोग ले सकते हैं क्योंकि यह समस्या पूरे देश में है। सभी राज्यों के साथ बैठक करके मामले में कुछ करने की कोशिश कीजिए।
केंद्र के वकील ने कहा कि सरकार इस मामले में उठाए गए कदमों का रिकॉर्ड पेश करेगी। वहीं, कुछ राज्यों के वकीलों ने कहा कि वे अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।

याचिका में डॉक्टरों को स्पेशल ट्रेनिंग देने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने वकील शैलेंद्र मणि त्रिपाठी की याचिका पर पिछले साल 13 दिसंबर को केंद्र और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा था।
याचिका में स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में एंटी-वेनम और सांप काटने का इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में तर्क दिया गया था कि दुनिया में सबसे ज्यादा मौतों के बावजूद देश में एंटी-वेनम की कमी है। देश के कई ग्रामीण इलाकों में एंटी-वेनम का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। इससे इलाज में देरी होती है।
याचिका में सांप काटने से मौत के मामले रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों में विशेष स्वास्थ्य मिशन और जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश देने की मांग की गई है।
इसमें सरकारी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों को स्पेशल ट्रेनिंग देने और इसके इलाज की अलग यूनिट स्थापित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।