धनबाद, 12 दिसंबर 2024: धनबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद ढुलू महतो ने संसद के शीतकालीन सत्र में जनजातीय अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और क्षेत्रीय विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया।
जनजातीय विकास पर सरकार की पहल
सांसद महतो ने जनजातीय अधिकारों को मजबूत करने और उनके कल्याण के लिए चल रही योजनाओं पर सवाल किया। इसके जवाब में सरकार ने बताया कि झारखंड समेत पूरे देश में वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। साथ ही, जनजातीय समुदायों के लिए “अबुआ वीर दशोम अभियान” और “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कृष्ट अभियान” जैसी पहलें चलाई जा रही हैं।
सरकार ने जानकारी दी कि:715 आवासीय विद्यालय जनजातीय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए हैं।616 मोबाइल चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं।सांसद महतो ने कहा, “धनबाद की जनता और जनजातीय समुदाय के अधिकारों और विकास के लिए मैं सदैव तत्पर रहूंगा। संसद में उठाए गए इन मुद्दों से क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।”
इस्पात मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में सांसद महतो ने ग्रीन स्टील पर दिया जोर
धनबाद के सांसद श्री ढुलू महतो ने गुरुवार को इस्पात मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने की। चर्चा का मुख्य विषय भारतीय इस्पात उद्योग के “ग्रीन स्टील” संक्रमण की रणनीति और इसके पर्यावरणीय लाभों पर रहा।
हरित इस्पात: पर्यावरण और उद्योग का संतुलन
बैठक में पर्यावरण-अनुकूल इस्पात उत्पादन, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर जोर दिया गया। सांसद महतो ने कहा:”हरित इस्पात न केवल पर्यावरण संरक्षण करेगा, बल्कि भारत के उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ले जाएगा। धनबाद जैसे औद्योगिक क्षेत्र को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।”
स्थायी विकास और रोजगार पर फोकस
बैठक में पुनर्नवीनीकरण सामग्री के उपयोग, रोजगार सृजन और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने पर विशेष चर्चा हुई। श्री महतो ने कहा कि हरित इस्पात के माध्यम से क्षेत्रीय विकास, रोजगार और पर्यावरण संतुलन के दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होंगे।
सांसद महतो ने इसे झारखंड और धनबाद के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा, “ग्रीन स्टील भारत के इस्पात उद्योग का भविष्य है, जो हमारे क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”यह बैठक केंद्र सरकार की उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।