Sunday, January 5, 2025
Sunday, January 5, 2025
Homeविदेशसाउथ कोरिया की हान कांग को मिला साहित्य का नोबेल: इंसानी...

साउथ कोरिया की हान कांग को मिला साहित्य का नोबेल: इंसानी जीवन के बिखराव और ट्रॉमा को कहानियों में पिरोने के लिए मिला सम्मान


स्टॉकहोम4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

साहित्य के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा हो गई है। इस साल ये प्राइज साउथ कोरिया की हान कांग को मिला है। उन्हें जीवन की मार्मिक कहानियों को खूबसूरत अंदाज में पेश करने के लिए मिला सम्मान है। नोबेल कमेटी ने हान कांग की एक नोवेल ‘ग्रीक लेसन’ की खासतौर पर चर्चा की है।

ये एक लड़की की कहानी है जो अपने जीवन के कष्टों की वजह से आवाज खो चुकी होती है। उसकी मुलाकात एक ग्रीक पढ़ाने वाले टीचर से होती है जो अपनी आंखों की रोशनी खो रहा है। ये नोवेल दो इंसानों के बीच बातचीत की बाधाएं होने के बावजूद पनपे रिश्ते को खूबसूरती से बयां करती है।

हान कांग ने 1993 में अपने करियर की शुरुआत कविताएं लिखने के साथ की थी। 1995 में उन्होंने कहानियां लिखना शुरू कर दिया था।

हान कांग ने 1993 में साहित्य में अपना करियर शुरू किया था।

हान कांग ने 1993 में साहित्य में अपना करियर शुरू किया था।

फिजिक्स और मेडिसिन और केमिस्ट्री में मिल चुका है 2024 का नोबेल नोबेल प्राइज 2024 की विजेताओं की घोषणा सोमवार, 7 अक्टूबर से शुरू हुई। पहले दिन मेडिसिन के क्षेत्र में विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को नोबेल प्राइज दिया गया। उन्हें ये प्राइज माइक्रो RNA (राइबोन्यूक्लिक एसिड) की खोज के लिए दिया गया है।

इसके बाद मंगलवार को फिजिक्स के नोबेल प्राइज की घोषणा हुई। ये प्राइज AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे. होपफील्ड को दिया गया। उन्हें मशीन लर्निंग से जुड़ी नई तकनीकों के विकास के लिए ये सम्मान दिया गया है जो आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित है।

वहीं तीसरे दिन यानी बुधवार को केमिस्ट्री का नोबेल दिया गया। इस साल ये प्राइज 3 वैज्ञानिकों को मिला है। प्राइज का पहला हिस्सा अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड बेकर को उनके कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए मिला।

वहीं दूसरा हिस्सा जॉन जम्पर और ब्रिटिश वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस को मिला, जिन्होंने एक AI मॉडल विकसित किया है जो अब तक खोजे गए प्रोटीनों के स्ट्रक्चर तैयार करने में मदद करता है।

ये नोबेल प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन 14 अक्टूबर तक चलेगा।

नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को मिला था 2023 में साहित्य का नोबेल

साहित्य का नोबेल प्राइज 2023 नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को दिया गया था। उन्हें ये प्राइज उनके नाटकों और कहानियों के लिए दिया गया था। उन्होंने उन नाटकों और कहानियों के जरिए उन लोगों को आवाज दी है जो अपनी बातें कहने में सक्षम नहीं थे।

​​​​​जॉन ने अपने नाटकों में ड्रामा के जरिए उन इंसानी भावनाओं को जाहिर किया है जो आमतौर पर जाहिर नहीं की जा सकती हैं। जिसे समाज में टैबू समझा जाता है।

जॉन ने अपने पहले ही उपन्यास रेड एंड ब्लैक में आत्महत्या जैसे गहरे और संवेदनशील मुद्दे पर लिखा था। इनकी मशहूर किताबों में पतझड़ का सपना भी शामिल है। साहित्य में अब तक 120 लोगों को नोबेल मिला है। इसमें केवल 17 महिलाएं हैं। इसकी वजह से नोबेल कमेटी की काफी आलोचना भी होती है।

जॉन की किताबों को 40 से ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट किया जा चुका है। डेली टेलीग्राफ ने उन्हें दुनिया के 100 लिविंग जीनियस की लिस्ट में 83वें नंबर पर रखा है।

जॉन की किताबों को 40 से ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट किया जा चुका है। डेली टेलीग्राफ ने उन्हें दुनिया के 100 लिविंग जीनियस की लिस्ट में 83वें नंबर पर रखा है।

नोबेल प्राइज के बारे में जानते हैं… 27 नवंबर 1895 को अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी अंतिम वसीयत और वसीयतनामा पर हस्ताक्षर किए। इससे उन्होंने अपने वसीयत का सबसे बड़ा हिस्सा पुरस्कारों की एक सीरीज, नोबेल प्राइज को दे दिया। नोबेल प्राइज फिजियोलॉजी, मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, लिटरेचर, पीस और इकोनॉमिक साइंस के क्षेत्र में दिया जाता है।

————————————————-

नोबेल प्राइज 2024 से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

केमिस्ट्री का नोबेल 2 अमेरिकी और एक ब्रिटिश वैज्ञानिक को:प्रोटीन का स्ट्रक्चर समझाने वाला AI मॉडल बनाया; 190 देशों में हो रहा इस्तेमाल

केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज 2024 की घोषणा बुधवार, 9 अक्टूबर को हुई। इस साल ये प्राइज 3 वैज्ञानिकों को मिला है। इनमें अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड बेकर, जॉन जम्पर और ब्रिटिश वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस शामिल हैं। प्राइज को दो हिस्सों में बांटा गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

AI के गॉडफादर और अमेरिकी वैज्ञानिक को फिजिक्स का नोबेल:मशीनों में सोचने की समझ पैदा करने के लिए मिला सम्मान

फिजिक्स में 2024 का नोबेल प्राइज AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे. होपफील्ड को मिला है। उन्हें मशीन लर्निंग से जुड़ी नई तकनीकों के विकास के लिए ये सम्मान दिया गया है जो आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित है।

इससे मशीनों को इंसानी दिमाग की तरह सोचना और समझना सिखाया जाता है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular