बैतूल के सारणी में शनिवार रात दहन के लिए लाया गया रावण का पुतला खड़ा ही नहीं हो सका। जिसके चलते उसे लिटाकर रात करीब साढ़े दस बजे पेट्रोल डालकर जलाना पड़ा। इससे दर्शको में नाराजगी और निराशा देखने को मिली। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की उत्सव समिति इस दहन
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हर साल की तरह विद्युत गृह की उत्सव समिति ने विजयदशमी पर सारनी के रामरख्यानी स्टेडियम में रामलीला का प्रदर्शन और रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया था। इस बीच मौसम विभाग भी लगातार बारिश की चेतावनी दे रहा था। इसके बावजूद सतपुड़ा उत्सव समिति ने कोई प्रबंध पहले से नहीं किया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रावण को दिन में ही खड़ा कर दिया जाता तो इतना तमाशा नहीं बनता और इतनी किरकिरी नहीं होती। वे जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तब साढ़े आठ बज रहा था और बारिश के बीच रावण को लगाने का प्रयास किया जा रहा था। जबकि मौसम को देखते हुए रावण को दिन में ही खड़ा कर देना चाहिए था।
बता दें, कार्यक्रम के दौरान हायड्रा मशीन और रस्सियों के जरिए रावण के पुतले को खड़ा रखने का प्रयास किया गया और ऐसे ही स्थिति में आतिशबाजी की गई।
खड़े नहीं हुआ तो लिटा दिया गया
यहां रावण के पुतले को आग लगाई गई तो वह जल नहीं सका। उसके बाद पुतले को नीचे गिरा दिया गया। रावण के पुतले को लिटाने के बाद लगातार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के अधिकारी, कर्मचारी रावण को जलाने का प्रयास करते रहे लेकिन वो नहीं जल सका।
ऐसी स्थिति में समिति से जुड़े व कार्यक्रम का संचालन कर रहे लोगों ने रावण के ऊपर सीडी रखकर पेट्रोल डालकर उसे जलाने का प्रयास किया। परंतु उसके बाद भी रावण नहीं जला यह स्थिति लगभग आधे घंटे तक बनी रही जिसके बाद हजारों की संख्या में मौजूद दर्शक निराश होकर अपने घरों को लौट गए।
देखें तस्वीरें…
कई तरह से रावण के पुतले को खड़ा रखने की कोशिश की गई।
रावण के पुतले को लिटाकर उसको जलाया गया।