नई दिल्ली12 मिनट पहले
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23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग पीएम आवास पर हुई थी। मीटिंग ढाई घंटे चली थी।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया था। गुरुवार देर रात भारत की तरफ से पाकिस्तान को चिठ्ठी भेजकर इसकी आधिकारिक जानकारी दे दी गई।
भारत में जल शक्ति मंत्री सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्रालय के सचिव मुर्तजा को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि, यह संधि अच्छे संदर्भ में की गई थी लेकिन अच्छे रिश्तों के बिना इसे बनाए नहीं रखा जा सकता।
पहलगाम के नजदीक बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। इनमें एक नेपाली नागरिक शामिल था। 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद भारत ने जल संधि स्थगित करने सहित 5 बड़े फैसले लिए थे।
भारत की तरफ से पाकिस्तान को भेजा गया लेटर…
लेटर में क्या लिखा…5 पॉइंट में
- भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान सरकार को नोटिस भेजा जा रहा है। जिसमें संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत सिंधु जल संधि 1960 में संशोधन की मांग की गई है। इस लेटर में उन मुद्दों का हवाला दिया गया है जिसके चलते समझौते पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है।
- संधि के बाद से अब तक जनसंख्या में काफी बदलाव हुआ है। ऐसे में क्लीन एनर्जी डेवलेपमेंट में तेजी लाने के लिए कुछ बदलाव करने जरूरी हो जाते हैं।
- किसी भी समझौते में सबसे जरूरी होता है कि उस संधि का सम्मान किया जाए। इसके बजाय पाकिस्तान की तरफ से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार आतंकवाद जारी है।
- सुरक्षा से जुड़ी अनिश्चितताओं ने संधि के तहत भारत के अपने अधिकारों को बाधित किया है। इसके अलावा भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। इस प्रकार उसने संधि का उल्लंघन किया है।
- इसलिए भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंधु जल संधि 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है।
1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता, 65 साल बाद रोका गया 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ये समझौता हुआ था। समझौते में सिंधु बेसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बांटा गया था।
पूर्वी हिस्से की नदियों रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है। पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का 20% पानी भारत रोक सकता है।

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) में 5 बड़े फैसले लिए गए। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे थे।

पाकिस्तान बोला- सिंधु जल रोका तो एक्ट ऑफ वॉर होगा इस्लामाबाद में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की 24 अप्रैल को बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित कर दिए। इसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है।
पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा। पाकिस्तान ने कहा, पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे का सभी क्षेत्रों में मजबूती से जवाब दिया जाएगा। हम किसी भी आतंकवादी गतिविधि की निंदा करते हैं।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक NCS की बैठक में कहा गया कि भारत में वक्फ विधेयक को जबरन पारित कराया गया, यह मुसलमानों को हाशिए पर डालने का प्रयास है।

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पहलगाम हमले के बाद भारत के सिंधु जल समझौता स्थगित करने को पाकिस्तान ने सही कदम नहीं बताया है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि भारत ने युद्ध भड़काने वाले फैसले किए और पाकिस्तान के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाया। पढ़ें पूरी खबर…