सिफ्प्सा के स्टेनो राजेंद्र कुमार जोशी की आत्महत्या के मामले में सोमवार को उनके भाई बृज मोहन जोशी ने सैरपुर थाने में तहरीर दी है। उन्होंने तहरीर में उप-महाप्रबंधक, वित्त नियंत्रक और भाई के सहकर्मी पर आत्महत्या के मजबूर करने का आरोप लगाया है। ग्रेज्यु
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त्रिवेणीनगर तीन में रहने वाले राजेंद्र कुमार जोशी में रहते थे। में स्टोनो के पद पर तैनात थे। राजेंद्र ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया था। भाई बृज मोहन ने तहरीर में बताया कि उनके का पीएफ व ग्रेज्यूटी फंसी हुई थी। जिसे निकालने में कर्मचारी परेशान कर रहे थे। जिसके चलते वह डिप्रेशन में चले गए। इलाज के लिए उनके पास रुपए नहीं थे। भाई इलाज नहीं करा पा रहे थे।
फाइन गायब करने का लगाया आरोप
राजेंद्र ने इसकी जानकारी हमारे रिश्तेदार कौशल त्रिपाठी को भी दी थी। भाई जैसे ही रिटायर हुए उसके बाद ऑफिस के इन अफसरों ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। भाई ने पीएफ-ग्रेज्युटी का 80 लाख रुपया रिलीज करने की मांग की। उप-महाप्रबंधक डा. रिंकू श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक बृज बिहारी कुशवाहा व कौशल सिंह विष्ट ने एनओसी नहीं दी थी। इसके बाद फाइलों को गायब करने का आरोप लगा दिया।
बीमार होने के बाद भी उन पर फाइल खोजने का बनाया दबाव
इस संबंध में भाई को नोटिस पर नोटिस भेज रहे थे। भाई पर उन फाइलों को खोजने का दबाव बना रहे थे। भाई बीमारी के कारण चलने फिरने लायक नहीं थे। रिश्तेदार कौशल त्रिपाठी उन्हें लेकर किसी तरह एपीसेन रोड स्थित दफ्तर पहुंचे। वहां पर वित्त नियंत्रक ने अभद्रता की। परेशान करने लगे। मामले की जानकारी छोटे भाई राजेश को हुई। उन्होंने निदेशक को मेल किया और पूरी जानकारी दी। निदेशक ने फंड रिलीज कराने का आश्वासन दिया।
इसके बाद भी फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। शनिवार को फिर भाई को उप महाप्रबंधक का नोटिस मिला। इसके बाद भाई घर से करीब 12 बजे निकले। उन्होंने छठामिल के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। उक्त तीनों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर ही भाई ने आत्महत्या की है। इंस्पेक्टर सैरपुर मनोज कुमार कोरी ने बताया कि तहरीर के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।