धान के भूसे में आग का फाइल फोटो।
हरियाणा के सिरसा के गांवों में पटवारी व ग्राम सचिव के रात्रि ठहराव के कारण किसानों ने दिन में पराली जलाना शुरू कर दिया है। डीसी शांतनु शर्मा ने 3 दिन पहले पराली जलाए जाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पटवारी व ग्राम सचिव को गांवों में रात्रि ठहराव करन
.
पहली घटना गांव मंगाला की है। यहां पर मंगलवार को किसान दलजीत सिंह ने अपने खेत में पराली को आग लगा दी। सूचना मिलने पर कृषि अधिकारी व ग्राम सचिव मौके पर पहुंचे। यहां पर धान के अवशेष जले हुए पाए गए। इसके बाद कृषि अधिकारी हेमंत की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने आरोपी किसान दलजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
इसी प्रकार गांव अलीपुर टीटू खेड़ा में किसान भजन लाल ने खेत में पराली को आग लगाई। जीपीएस लोकेशन के आधार पर कृषि अधिकारी विशाल मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी। वहीं,गांव दिवान खेड़ा में भी किसान बोहड़ सिंह ने भी अपने खेत में पराली जला डाली। पटवारी व ग्राम सचिव सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो धान के अवशेष जले हुए मिले।
इसके अलावा गांव धोतड़ में भी किसान सतबीर ने खेत में पराली जलाई। पुलिस ने उक्त सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि जिलाधीश शांतनु शर्मा ने 18 सितंबर 2024 से जिला में किसी भी प्रकार की फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। जिस कारण पराली जलाना कानूनन अपराध है।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा 10 दिसंबर 2015 को पारित आदेश अनुसार धान की पराली जलाने को कानूनी अपराध माना गया है। इन आदेशों में सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है। अब पराली जलाने पर 30 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाता है,लेकिन फिर भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं।