हरियाणा के सिरसा शहर में हुए नगर परिषद चुनाव में भाजपा और हरियाणा लोकहित पार्टी के गठबंधन को जबरदस्त जीत मिली है। चेयरमैन पद के साथ-साथ 32 में से 20 वार्डों में बीजेपी के पार्षद बने हैं। बेशक, चेयरमैन और पार्षद पद के उम्मीदवार भाजपा के सिंबल पर लड़े थ
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गौरतलब है कि बुधवार को आए निकाय चुनाव के नतीजों में दूसरी बार बीजेपी का चेयरमैन बना है। इससे पहले शीला सहगल साल 2016 में बीजेपी की चेयरपर्सन बनी थी। इस बार निकाय चुनाव में कांडा बंधुओं ने बीजेपी के लिए काम किया है। हालांकि, गोबिंद कांडा का दावा है कि वाइस चेयरमैन को लेकर नाम ऊपर से ही आएगा। पार्टी के सिस्टम के हिसाब से ही व्यवस्था बनेगी।
गोपाल कांडा के साथ चेयरमैन वीर शांति स्वरूप व जीते हुए पार्षद।
यह हैं बने हैं बीजेपी-हलोपा समर्थक पार्षद
वार्ड नंबर 4 से सनप्रीत सोढ़ी, वार्ड नंबर 5 से जसपाल सिंह, वार्ड नंबर 7 से सुमन शर्मा, वार्ड नंबर 11 के पार्षद राजन शर्मा, वार्ड 12 से दीपक बंसल, वार्ड 13 से मनीष कुमार, वार्ड नंबर 14 के पार्षद अंग्रेज बठला, वार्ड नंबर 15 से हेमकांत शर्मा, वार्ड नंबर 17 की पार्षद मोनिका सर्राफ, वार्ड नंबर 19 की पार्षद रुबी सेठी, वार्ड नंबर 20 से संजीव रातुसरिया, वार्ड नंबर 21 की पार्षद चंद्रिका गनेरीवाला, वार्ड 23 से कुसुम, वार्ड 24 से विक्रम सैनी, वार्ड 25 से पूजा रानी, वार्ड 27 से मनमोहन मिड्ढा, वार्ड 28 से जोगिंद्र सिंह, वार्ड 29 से राखी मौर्य, वार्ड 31 से अनु मल्होत्रा, वार्ड 32 से आशा रानी बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीते हैं। इनमें से 10 से अधिक पार्षद गोपाल कांडा के समर्थक बने हैं।
अग्रवाल समाज के हिस्से आ सकता है वाइस चेयरमैन पद
शहर में अग्रवाल समाज, पंजाबी समाज, सैनी समाज व एससी वर्ग का बड़ा वोट बैंक हैं। पंजाबी समाज से विधायक गोकुल सेतिया बने हुए हैं। एससी समाज से अब बीजेपी का चेयरमैन हो गया है। ऐसे में वाइस चेयरमैन पद अग्रवाल समाज को देकर बड़े वोट बैंक को बीजेपी साधने का काम कर सकती है।
गोपाल-गोबिंद ही रहे प्रमुख रणनीतिकार
बेशक, चुनाव भाजपा के सिंबल पर लड़ा गया, लेकिन चुनावी रणनीति के रणनीतिकार गोपाल कांडा व उनके भाई गोबिंद कांडा ही रहे। चेयरमैन पद के प्रत्याशी वीर शांतिस्वरूप तो पूरी तरह गोपाल-गोबिंद की शरण में ही रहे। यही कारण है कि जीत के बाद पहले बीजेपी दफ्तर जाने के बजाय वह तारा बाबा की कुटिया में गए। जहां से गोपाल-गोबिंद के साथ विजयी जुलूस निकाला। इसके बाद बीजेपी दफ्तर में जाकर बीजेपी के नेताओं से मिले।
पिछली बार 6 महीने रही थी हलोपा की चेयरपर्सन साल 2016 में हुए नगर परिषद चुनाव में भी हलोपा के कई पार्षद बने थे। उस समय शुरुआत में हलोपा-कांग्रेस का गठबंधन रहा था। मगर तब चेयरपर्सन भाजपा की सेतिया गुट के सहयोग से बनी। हालांकि, अप्रैल 2021 में कांडा बंधुओं ने पार्षदों का समर्थन लेकर अपनी पार्टी की पार्षद रीना सेठी को चेयरपर्सन बनवाया था। वह अप्रैल 2021 से अक्टूबर 2021 तक छह महीने के लिए चेयरपर्सन रही।