शेरांवाली नहर का टूआ हुआ किनारा।
सिरसा में शेरांवाली नहर पानी छोड़े जाने के 24 घंटे भीतर ही टूट गई। नहर में 20 फुट तक का कटाव हो गया है, जिस कारण दर्जनों गांव में पेयजल का संकट उत्पन्न हो सकता है। विभाग नहर के टूटने का कारण आंधी में पेड़ गिरना बता रहा है लेकिन किसानों का आरोप है कि नह
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करोड़ों रुपए से हुआ निर्माण
नहर शुक्रवार तड़के 4 बजे मल्लेका के पास आरडी एक लाख 9 हजार बर्जी के निकट टूटी है। लोगों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर इस नहर का निर्माण किया गया, लेकिन पानी छोड़े जाने के 24 घंटे के भीतर ही विभाग की पोल खुल गई। टेल तक पड़ने वाले गांवों में पानी पहुंचने से पहले ही नहर टूट गई।
अधिकारी नहीं कर रहे नियमित पेट्रोलिंग
सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। नहर का पानी तत्काल सेमनाल में मोड़ दिया गया। सिंचाई विभाग के बेलदार लीलाधर ने पेड़ गिरने से नहर टूटने की पुष्टि की। किसानों का आरोप है कि विभाग के अधिकारी नहर में पानी छोड़ने से पहले और नियमित पेट्रोलिंग सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। नवनिर्मित नहर में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। इस कारण नहर पानी का बहाव सहन नहीं कर पाई।
मरम्मत का काम चल रहा
सिंचाई विभाग के जेई विकास ने बताया कि नहर की मरम्मत का काम चल रहा है। जल्द ही नहर को ठीक कर पुनः पानी छोड़ा जाएगा। यह नहर चौपटा और ऐलनाबाद क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाती है। वर्तमान में ऐलनाबाद क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या चल रही है।