भावुक होकर अपील करता राधेश्याम उर्फ परम गुरु।
हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर डबवाली के पास मेडिटेशन सेंटर के रूप में आश्रम बना रहे 3 हजार करोड़ की ठगी के आरोपी राधेश्याम सुथार उर्फ परम गुरु ने भावुक होकर श्रद्धालुओं से समर्थन मांगा।
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उसने अपने अनुयायियों से कहा कि तुम्हारे बाबा को बहुत सारे लोग परेशान कर रहे हैं। अगर आपमें कुछ श्रद्धा है, तो मेरा साथ दें। मेरा साथ देंगे तो मैं आने वाली पीढ़ी को बहुत कुछ देकर जाना चाहता हूं। मेरे बीते हुए अतीत को भुला दें। जीवन में किसी के भी बदलाव आ सकता है। मेरे जीवन में भी बदलाव आया है। मैं ना कोई नाम, ना पैसे के लिए जी रहा हूं।
अगर मुझे परेशान करेंगे तो गुफा में जाकर बैठ जाऊंगा। मेरी बॉडी कभी तुम्हें नजर नहीं आएगी। जो लोग बोल रहे हैं कि मार देंगे-मार देंगे। राधेश्याम आज से आठ साल पहले मर गया था और बोल दिया था कि अब मैं नहीं हूं, वे ईश्वर तुम हो। तुम इस शरीर से जो करना चाहो करो। मेरा शून्य का शरीर है, इसको क्या मारोगे। यह शरीर कट जाएगा, यह शून्य रह जाएगा। अगर आपमें इंसानियत है, तो मेरा कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दें। बाबा नानक के साथ जैसे बाला-मर्दाना को याद किया जाता है, वैसे तुम्हें भी याद किया जाएगा।
स्थापना समारोह में प्रवचन देता राधेश्याम उर्फ परम गुरु।
बोला, मैंने जेल में रेडियाे सुना
इससे पहले उसने हरियाणा-पंजाब के प्रसिद्ध सिंगरों के जरिए भीड़ भी जुटाई। पंजाब के प्रसिद्ध सिंगर कंवर ग्रेवाल, रोशन प्रिंस, हरियाणवी सिंगर रेणुका पंवार, गामड़ीवाला, हैरी आदि ने अपने भजनों की प्रस्तुति दी। सिंगर कंवर ग्रेवाल के साथ तो मंच पर डांस भी किया। राधेश्याम ने कहा कि जब वह जेल में था, तो उसने सरकार से रेडियो मांगा। उस रेडियो में चिप थी, जिसमें सिर्फ कंवर ग्रेवाल के ही गाने थे।
स्थापना समारोह में राधेश्याम ने करीब 32 मिनट तक प्रवचन किए। उसने कहा कि आज से 7 साल पहले उसने एक सपना देखा कि इस धरती के ऊपर ऐसे ज्ञान-विज्ञान की जरूरत मनुष्य जाति को है। अब वह साकार हुआ है। लोगों से मुझे ताकत मिली है, इसके लिए धन्यवाद करता हूं।

कंवर ग्रेवाल के साथ मंच पर डांस करता राधेश्याम उर्फ परम गुरु।
श्रीकृष्ण के भी इतने बदलाव नहीं हुए जितनी मेरी परीक्षा ली
उसने आगे कहा कि मेरे जीवन के अंदर दुख व पीड़ा की बात करूं तो आप सब लोग देख रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के भी इतने बदलाव नहीं हुए होंगे, जितनी मेरे जीवन में शून्य रूपी परमात्मा ने मेरी परीक्षा ली है। बहुत से लोगों ने सहयोग किया, मेरी भावनाओं को समझा। लेकिन बहुत सारे लोग अभी स्थापना दिवस के कार्ड बांटते ही विरोध करने लगे। तीन चार दिन से लोगों ने जो मेरा हाल किया, कितनी नेगेटिविटी फैलाई, फिर भी लोग आए।
हर संडे की रात होगा सत्संग
उसने दावा किया कि डबवाली के मेडिटेशन सेंटर में हर रविवार की रात को सत्संग हुआ करेगा। डबवाली के नजदीक-नजदीक के गांव के लोग जरूर आएं। मेडिटेशन करवाया जाएगा, जो एक ओम-ओंकार फिल होगा। अगर मेडिटेशन करोगे तो भगवान को फील करेंगे।
लैपटॉप आगे रखकर बताया पृथ्वी क्या है… राधेश्याम ने लैपटॉप आगे रखकर कहा कि 14 फरवरी 1990 में अंतरिक्ष से नासा ने खोज की। 6 अरब किलोमीटर ऊपर से पृथ्वी की फोटो ली गई तो छोटी सी पेन की डॉट जैसी दिखाई दी। ऊपर आकाश जितना दिखाई देता है, आप सोचते हैं उतना ही आकाश है। पृथ्वी के नीचे भी इतना ही अनंत आकाश है। इस पृथ्वी पर इतने बड़े-बड़े योद्धा आकर चले गए। वो इसे जीतना चाहते थे। यहां रावण, कंस, दुर्योधन, यूनान में सिकंदर आया, जिसने पूरी पृथ्वी को जीत लिया था। कितने कलाकार-अभिनेता, नेता आए, उन्होंने जीवन जिया और चले गए।