सिवनी में श्रीकाल भैरव जन्मष्टमी मनाई गई। वहीं, छोटी काशी के नाम से प्रख्यात कालभैरव की धर्मनगरी आदेगांव में भैरव अष्टमी मनाई गई। जन्मोत्सव का कार्यक्रम शुक्रवार रात 11-12 बजे से आरंभ होकर शनिवार रात महाआरती तक चलता रहा। शुक्रवार व शनिवार की मध्य रात
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भैरवनाथ को लगाया खीर का भोग
मंदिर के पुजारियों व भक्तों ने विराजमान भगवान श्री कालभैरव नाथ स्वामी, श्रीगणेश भगवान श्री बटुकभैरव स्वामी, श्री दूधिया भैरव स्वामी शेषनाग महाराज, मां अन्नपूर्णा देवी व भगवान भोलेनाथ के संपूर्ण परिवार का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पंचामृत आदि से अभिषेक किया। इसके बाद आकर्षक श्रृंगार कर आरती की गई। भगवान श्री को ग्रामवासियों की ओर से खीर का भोग अर्पित किया गया। भंडारा, महाप्रसाद भोग का अर्पण कर श्रद्धालुओं वितरण भी किया गया। इधर, मंदिर परिसर में दिन भर शिव अभिषेक तथा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे। गोधूलि बेला तक गढ़ी प्राचीर से लगातार हो रहे वैदिक मंत्रोपचारों से नगर का संपूर्ण वातावरण धर्म मय बना रहा।
झांकियां रही आकर्षण का केंद्र
बाहर से आई आदिवासी नृत्यांगना टोली ने रैली में समां बांधे रखा। रैली के दौरान झांकियों के अलावा नगर की शैक्षणिक संस्थान से श्रीराम दरबार की आकर्षक झांकी भी शामिलकी गई। संध्या कालीन महाआरती के बाद विभिन्न झांकियों के मंडल ने देर रात तक पावन परिसर में भव्य कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
भगवान काल भैरव का चार क्विंटल फूलों से श्रृंगार किया गया।
दोपहर एक बजे से भगवान श्री भैरव नाथ की नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। लगातार पांच घंटे तक चली। शोभा यात्रा में भगवान श्रीकालभैरव नाथ स्वामी के प्रकटोत्सव पर्व पर पालकी यात्रा के साथ, भगवान शिव-पार्वती, भगवान शिव के विविध औपडवानी कलाओं का प्रदर्शन करते आगे बढ़ रहे। सभी झांकियों का नेतृत्व स्थानीय बजरंग अखाडा युवाओं ने किया। इस धार्मिक आयोजन में जिले भर से श्रद्धालु धर्मलाभ लेने पहुंचे।
तस्वीराें में भगवान कालभैरव का जन्मोत्सव…
रात में शोभायात्रा भी निकाली गई।
गढ़ी स्थित मंदिर को भी फूलों से सजाया गया।
देर रात तक बाबा का भंडारा चलता रहा।
मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
कई श्रद्धालुओं ने भंडारे का स्वाद चखा।