.
अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की समस्या को दूर करने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड लैब बनाने की प्लानिंग की थी। अब सिविल अस्पताल में नई लैब का निर्माण होगा। इसके बाद मरीज के ब्लड, यूरिन, शुगर, क्रेटिना, यूरिक एसिड, प्रोटीन, एचबी, टीएलसी, ईएसआर समेत अन्य प्रकार की जांच एक ही जगह करा सकेंगे। इस संबंध में एसएमओ डॉ. सतिंदर जीत सिंह बजाज ने कहा कि सिविल अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए नई लैब का निर्माण होगा। इसके लिए डीपीआर भी तैयार हो चुकी है। भास्कर न्यूज | जालंधर सिविल अस्पताल में मरीजों को ब्लड और यूरीन की जांच के लिए अलग-अलग लैब में भटकना नहीं पड़ेगा। अब अस्पताल की तीसरी मंजिल पर 1.25 करोड़ रुपए की लागत से सेंट्रल लैब का निर्माण होगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने डीपीआर भी बना ली है। नई लैब के लिए बजट की मंजूरी भी हो चुकी है।
अब चंडीगढ़ से डीपीआर को मंजूरी मिलते ही एजेंसी काम शुरू कर देगी। सिविल अस्पताल परिसर में औसतन रोज बाल रोग विभाग, मेडिसन, ईएनटी, गायनी, नेत्र विभाग आदि की ओपीडी में लगभग 1300 से 1400 मरीज आते हैं। मरीज ओपीडी में डाक्टर्स को दिखाते हैं। इस पर डॉक्टर्स मरीज के पर्चे पर दवा और जांच लिखते हैं। मरीज जांच के लिए सैंपल देते हैं।
लेकिन चिंता की बात है कि सैंपल 12 बजे के बाद नहीं लिए जाते। वैसे अस्पताल में बायोकैमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, क्लीनिकल पैथोलॉजी लैब में मरीजों की जांच होती है, लेकिन मरीजों को नहीं पता होता कि उनकी जांच किस लैब में होगी। इसलिए मरीज ब्लड टेस्ट के लिए लैब में पता भी करते हैं और परेशान होते दिखते हैं। सिविल अस्पताल में बनने वाले सेंट्रल लैब में ऑटो एनालाइजर और बायोकेमिस्ट्री ऑटो एनालाइजर आदि नए उपकरण भी मिलेंगे। अस्पताल प्रशासन का प्रयास है कि लैब में नए टेस्ट भी शामिल किए जाएं। सेंट्रल लैब में ही बायोकेमिस्ट्री, सीरोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, क्लीनिकल पैथोलॉजी लैब को शिफ्ट किया जाएगा। मरीजों को सभी प्रकार की जांच एक ही लैब में मिलेगी।