सहरसा के सत्तर कटैया प्रखंड अंतर्गत मेनहा गांव में 23 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आगमन होगा। वे यहां लगभग 35 करोड़ की लागत से बने तीन मंजिला बालिका छात्रावास का उद्घाटन करेंगे। सीएम के आगमन की खबर से गांव के लोग शुरुआत में उत्साहित दिखे, लेकि
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स्थानीय निवासी रूपेश कुमार यादव ने बताया कि हमें लगा था कि सीएम के आने से गांव की समस्याएं दूर होंगी, लेकिन अब तक उन के टोले में कोई विकास नहीं हुआ है। हमारे गांव में ना तो सड़क है, ना पुल। अधिकारी यहां आते है और सड़क से होकर चले जाते है। हम खुद चंदा इकट्ठा कर सड़क की मरम्मत करते है। गांव के बुजुर्ग मणिकांत यादव ने भी आक्रोश जताते हुए कहा कि उनकी उम्र 60 साल हो गई है, लेकिन आज तक सड़क बनते नहीं देखा। सीएम के आने की खबर से लगा था कि शायद अब विकास होगा, लेकिन अब कोई उम्मीद नहीं रही। यहां विधायक भी चुनाव जीतने के बाद नहीं लौटते। सरकारी योजनाओं में भी कटौती हो जाती है।
गांव वालों का कहना है कि सीएम के इस दौरे से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। उनका कहना है कि शादी-विवाह जैसे आयोजनों में भी सड़क की कमी से परेशानियां झेलनी पड़ती है। गांव के लोग अब सीएम के दौरे का विरोध करने की बात कर रहे है। उन्होंने कहा कि यदि विरोध किया तो उन्हें बदमाश कहकर जेल में डाल दिया जाएगा। इस इलाके का विधायक गूंजेश्वर साह है, लेकिन उन्होंने भी गांव की तरफ ध्यान नहीं दिया। नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा का उद्देश्य विकास कार्यों का जायजा लेना है, लेकिन मेनहा गांव के हालात देखकर यह साफ है कि यह यात्रा यहां की हकीकत से कोसों दूर है। हालांकि जदयू विधायक गूंजेश्वर साह ने कहा विकास हर क्षेत्र में किया जायेगा।