बिहार दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम डॉ मोहन यादव।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी देश के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले बिहार के लोगों को जोड़ने के लिए काम कर रही है। भोपाल में बिहार दिवस का आयोजन प्रदेश भाजपा कार्यालय में किया गया। कार्यक्रम में सीएम ने ऐलान किया कि बिहार में जन्मे पूर्व राष्ट्रप
.
कार्यक्रम में सीएम डॉ मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री राजू सिंह, बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश कार्यालय मंत्री सतपाल नरोत्तम, मंत्री कृष्णा गौर, विधायक भगवानदास सबनानी, रामेश्वर शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र यति सहित भोपाल में रहने वाले बिहारी नागरिक मौजूद थे।
बिहार एकमात्र राज्य जो भगवान कृष्ण के नाम पर
अरब से अफगानिस्तान तक भारतीय का सांस्कृतिक महत्व कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा 1912 में बिहार राज्य का नामकरण हुआ। बिहार से मध्य प्रदेश का संबंध कितने प्रकार से जुड़ता है इसकी लंबी श्रृंखला है। हमारे देश के अंदर लगातार लंबे समय से सत्ता को चलाने की व्यवस्था के आधार पर आज के भारत के कुछ और हिस्से जोड़ेंगे तो वृहत्तर भारत दिखेगा। ऐसे में अरब से लगाकर अफगानिस्तान के आगे तक का सांस्कृतिक भारत का वह नक्शा, भारत की सत्ता ताकत के साथ, सब व्यवस्थाओं पर पकड़ बनाकर चले हैं तो इसलिए वर्षों से व्यवस्था बनी हुई थी।

सीएम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री का स्वागत करते भोजपुरी समाज के लोग
सीएम ने पटना और उज्जैन का संबंध बताया सीएम ने कहा- वह ऐसी व्यवस्था थी कि हमारे लिए सम्राट पाटलिपुत्र पटना में बैठेंगे और भावी सम्राट उज्जैन में बैठेंगे यह अवंती जनपद का रिकॉर्ड रहा है। ये व्यवस्था हमारे 16 जनपदों में से सर्वाधिक महत्व का जनपद पाटलिपुत्र के बाद वर्तमान के पूरे देश के लिए सत्ता के सारे सूत्र संचालन के लिए मध्य प्रदेश में अवंती जनपद के माध्यम से होता है। इसलिए अशोक भी सम्राट बने।
उनके पहले वे 10 साल तक हमारे उज्जैन में गवर्नर थे। जो भावी राजकुमार हुए। विदिशा जहां से उनकी पत्नी से उनका विवाह हुआ। फिर उनके बेटे- बेटी श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार करने गए।
सम्राट विक्रमादित्य ने जब विजय पताका फहराना चालू की, तो शिक्षा के मामले में हमारा प्रदेश और बिहार में सांदीपनि आश्रम का रिकॉर्ड सबको मालूम है। 5000 साल पहले भगवान कृष्ण की शिक्षा उज्जैन में हुई। शिक्षा के महत्व की बात करें तो बिहार में सांदीपनी गुरु के आश्रम से आगे तक्षशिला नालंदा, विक्रमजीत शिला जिन्हें हम कहते हैं सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया ये बोलने के लिए नहीं है यह करके दिखाने के लिए है।
भोजपुरी का संबंध राजा भोज से हमारे बीच दो हजार साल पहले विक्रमादित्य वाले संबंध हैं। भगवान कृष्ण 5000 साल पहले वाले हैं। 22सौ साल पहले सम्राट अशोक का संबंध मैंने बताया। लेकिन, एक ताजा संबंध भी है। वो संबंध कैसा है ये अपने भोपाल ताल में राजा भोज हैं। और हमें मालूम है विधर्मियों ने जब आक्रमण किया तो यहां के परमार वंश के शासक और यहां के नागरिक, देश के अंदर धर्म बचाने के लिए, अपना सब कुछ छोड़कर बिहार की शरण में गए। यह हमारे अतीत का गौरवशाली पक्ष भी है। इसीलिए कहा जाता है वे गए तो भोजपुरी की भाषा राजा भोज से जुड़ती है यह भी गौरवशाली पक्ष है। भोजपुरी का संबंध राजा भोज के शासनकाल से है।

सीएम ने कहा- 1857 में एक से बढ़कर क्रांतिकारी योद्धा थे। लेकिन कुंवर सिंह की बात ही अलग थी। 80 साल की उम्र में योद्धा बनकर संघर्ष करने के लिए लड़ने के लिए आगे बढ़े। वे नाव से गंगा पार कर रहे थे। तो अंग्रेजों ने छिपकर पीठ पीछे से वार किया और उनके हाथ में गोली लगी। कुंवर सिंह ने अपने साथी सैनिकों से कहा इस जहर को शरीर में बढ़ने से रोकना है तुम मेरा हाथ काट दो। सैनिकों ने जब बात नहीं मानी तो उन्होंने तलवार से अपना हाथ खुद काटकर अलग कर गंगा में फेक दिया। कुंवर सिंह जैसे क्रांतिकारियों से बिहार का इतिहास गौरवान्वित है। वे हाथ पर पट्टी बांधकर दो साल तक युद्ध लड़ते रहे।
मप्र और राजस्थान सरकार मिलकर कृष्ण पाथेय बना रहे भगवान कृष्ण ने जहां-जहां लीलाएं कीं, वे जिस रास्ते से गुजरे वहां के लिए मप्र की सरकार राजस्थान सरकार के साथ श्री कृष्ण पाथेय बनाने जा रही है। मप्र और राजस्थान की एक कमेटी बना दी है। उसकी बैठकें भी हो रहीं हैं। मप्र में सरकार ने वृंदावन ग्राम बनाने का निर्णय किया है। इन गांवों में सुशासन हो, सब लोग साथ में भाईचारे से मिल-जुल कर रहेंगे। गौपालन करने वालों को सरकार मदद करेगी। हम हर घर गोकुल बनाने पर हम काम कर रहे हैं। जो गाय पाले वो गोपाल।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भोजपुरी समाज की महिलाएं भी शामिल हुईं।
लालू यादव के परिवार पर साधा निशाना सीएम ने लालू यादव के परिवार पर निशाना साधते हुए कहा- आपके यहां जो राजवंश में हैं उनके यहां एक-दो बार नहीं, उनके यहां तो तीन-तीन पीढियों ने सरकार चला ली। वह खुद बन गए, उनकी पत्नी, बेटे को बना दिया कोई उपमुख्यमंत्री बन गया कोई मुख्यमंत्री बन गया। उनसे भी पूछ लो कि भाजपा ने अपने यदुवंशी को बनाया वो ये कर रहा है। ये क्या कर रहे वो उनसे भी वो रिकॉर्ड मांग लेना।
एक तरफ भगवान कृष्ण के नाम पर अलग संस्कृति चलती है इसके कारण देश दुनिया भारत के बाहर जाकर कहीं भी कोई कहे कि आप कहां से आए तो आप कह दीजिए कि हम राम-कृष्ण की भूमि से आए हैं तो विदेशी लोग भी समझ जाएंगे कि आपका संबंध भारत से है।
राम का रथ कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने रोका था कांग्रेस और उनके जैसे बहुत सारे लोग जो हमारे विपक्षी कहलाते हैं। उन्होंने सदैव भगवान राम और कृष्ण का मार्ग रोकने का प्रयास किया है। अयोध्या के मामले में भगवान राम का रथ जब आडवाणी जी लेकर जा रहे थे वो रथ किसने रोका था? वह पाप उन सबके माथे पर है। ये सबके सामने है। उसका उल्लेख करने की जरूरत है। जो राम का नहीं हुआ वो किसी काम का नहीं।
बडे़ बनते हो आप उनसे भी पूछना कि राम जी का मंदिर बन गया तो वहां दर्शन करने क्यों नहीं गए। अब कह दो राम सबके हैं तो दर्शन करने कभी गए हो तो फोटो दिखा देना। यमुना जी का किनारा खाली है गोपाल कृष्ण बुला रहे हैं अब वहां मंदिर बनाने की बात कर लो।
