Monday, June 2, 2025
Monday, June 2, 2025
Homeहरियाणासीडीएलयू के वीसी-रजिस्ट्रार से जवाब-तलब: महिला प्रोफेसर को मेटरनिटी लीव लाभ...

सीडीएलयू के वीसी-रजिस्ट्रार से जवाब-तलब: महिला प्रोफेसर को मेटरनिटी लीव लाभ से रखा वंचित, अब हाई कोर्ट ने 4 जुलाई तक दिया समय – Sirsa News


सीडीएलयू सिरसा की प्रो. डॉ. रवि।

सिरसा जिले में स्थित चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (CDLU) के वीसी और रजिस्ट्रार को तलब किया गया है। अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 4 जुलाई तक जवाब मांगा है। यूनिवर्सिटी पक्ष के वकील जवाब दायर करेंगे।

.

पीड़ित पक्ष से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील परमिंद्र सिंह ने बताया कि यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर को मेटरनिटी लाभ से वंचित रखा था। बिना वेतन लाभ के मेटरनिटी लाभ देने से मना कर दिया था। जबकि डॉक्टर की भी लीव के लिए हिदायत दी हुई थी। इसके बावजूद छुट्‌टी नहीं दी। इसलिए प्रो. डाॅ. रवि ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। रिट याचिका में तीन मुख्य मांगों का उल्लेख किया गया है, अर्थात मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश और चाइल्ड केयर लीव, जिसमें माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सीडीएलयू के कुलपति एवं रजिस्ट्रार को बिना वेतन के मातृत्व अवकाश देने के मामले में जवाब तलब किया है। वहीं यूनिवर्सिटी पक्ष के वकील से बात की तो कुछ कहने से मना कर दिया।

हाई कोर्ट की ओर से जारी आदेशों की प्रति।

सरकारी संस्थान निरंतर कर रहे उल्लघंन

पीड़ित प्रोफेसर डॉ. रवि के अनुसार जस्टिस त्रिभुवन दहिया की बेंच ने सीडीएलयू को नोटिस जारी करते हुए कहा कि बिना वेतन के मातृत्व अवकाश अधिनियम, 1961का स्पष्ट उल्लंघन है। अनेक मामलों में सुप्रीम कोर्ट इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि सीसीएल, मातृत्व अवकाश और पितृत्व अवकाश प्रत्येक कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार है। उसके बावजूद भी सरकारी संस्थान इसका निरंतर उल्लंघन कर रहे हैं।

हाई कोर्ट के आदेशों की प्रति।

हाई कोर्ट के आदेशों की प्रति।

दूसरे पक्ष से वकील हुए उपस्थित

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में कार्यरत पार्ट-टाइम-प्राध्यापक इस समस्या का सामना लंबे समय से कर रहे हैं। जो की निंदनीय है। इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी महिला प्रोफेसर को इस तरीके की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इस मामले में सीडीएलयू की तरफ से एडवोकेट पुनीत गुप्ता उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए हैं, उन्होंने कहा कि अगली तारीख पर विश्वविद्यालय अपना जवाब देगा।

कई बार ज्ञापन सौंपा

गौरतलब है कि इस संबंध में प्रो. रवि द्वारा सीडीएलयू के कुलपति और रजिस्ट्रार को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। यही कारण है कि पीड़ित प्रोफेसरों ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ का दरवाजा खटखटाया है।

फिर भी प्रोफेसर को गर्भावस्था के दौरान यूनिवर्सिटी में बुलाया गया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में दाखिल रही।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular