दमिश्क13 मिनट पहले
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जज कंजो हसन पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप हैं। तस्वीर- सोशल मीडिया
सीरिया में बशर अल असद के राष्ट्रपति रहते बदनाम सेडनाया जेल में हजारों लोगों को मौत की सजा देने वाले टॉप मिलिट्री जज मोहम्मद कंजू अल-हसन को गिरफ्तार कर लिया है। अल-हसन की गिरफ्तारी सीरिया में हाल ही में हुए विद्रोह के बाद सबसे टॉप लेवल की गिरफ्तारी है। कंजू अल-हसन 2011 से 2014 तक सीरिया की मिलिट्री कोर्ट का जज था। इस दौरान उन्होंने हजारों लोगों को मौत की सजा दी थी।
कंजू हसन पर आरोप है कि कैदियों के रिश्तेदारों से उसने अलग-अलग तरीकों से 1.5 हजार करोड़ रुपए वसूले थे। ब्रिटेन की सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक कंजू अल हसन को 20 अन्य लोगों के साथ गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।
सीरिया के अंतरिम गृह मंत्री मोहम्मद अब्देल रहमान ने बताया कि ततूंस प्रांत में छिपे कंजू अल-हसन को गिरफ्तार करने के दौरान सरकार के 14 सैनिकों की मौत हो गई। सीरिया में नागरिकों के दमन की वजह से 2023 में ब्रिटेन सरकार ने कंजू अल-हसन पर बैन लगा दिया था। कंजू सेडनाया जेल में अमानवीय अपराधों के लिए जिम्मेदार था।
30 मिनट में सुनवाई, कैदी को बोलने का मौका भी नहीं जज कंजो हसन पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप हैं। उसने कानून की पढ़ाई के बाद सीरियाई सेना की मिलिट्री कोर्ट में सर्विस दी थी। 2011 में जब असद के खिलाफ सीरिया में अरब क्रांति हुई तब हसन दमिश्क की रिजनल आर्मी कोर्ट में जज था।
एक गवाह के मुताबिक, हसन ने खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर राजनीतिक कैदियों के खिलाफ के खिलाफ अन्य लोगों से झूठी गवाहियां दिलाई। कोर्ट में सिर्फ 30 मिनट सुनवाई होती है, जिसमें आरोपी को बोलने की इजाजत नहीं होती।
सेडनाया जेल में बने इन टैंक में पीले रंग का एसिड भरा होता था। इन्हीं टैंक में डेडबॉडी गलाई जाती थी।
राष्ट्रपति की माफी के बाद भी रिहाई नहीं होने देता था कंजो हसन पर आरोप है कि वह राष्ट्रपति की माफी के बाद वो कैदियों पर लगे आरोपों को बदल देता था, ताकि उनकी रिहाई न हो सके। इसके बाद उन्हें रिहा करने के लिए परिवार वालों से वसूली करता था। बता दें कि असद के भागने के बाद उनके करीबी कई अन्य लोग पीछे रह गए। जिनमें असद का भाई माहेर अल-असद भी शामिल था।
ये सेडनाया जेल के बाहर का गेट है। इस पर उन लोगों के पोस्टर हैं, जो जेल में बंद थे, लेकिन अब लापता हैं।
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उमर सिर्फ 15 साल का था। सीरिया के बानियास शहर में उसका घर था। साल 2012 में असद सरकार के खिलाफ एक प्रोटेस्ट चल रहा था, उमर भी उसमें शामिल हो गया। पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उस पर सीरियन आर्मी के जवानों को मारने का आरोप लगा। सीधे भेज दिया गया सेडनाया जेल। 3 साल बाद जब उमर बाहर आया तो उसके साथ इस जेल की खौफनाक कहानियां बाहर आईं। यहां पढ़ें पूरी खबर…