छोटे तालाब और अलग जलस्रोत प्रतिबंध से मुक्त।
सीहोर के कलेक्टर बालागुरू के. ने जिले की सभी नदियों और जलाशयों में मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये प्रतिबंध 16 जून से 15 अगस्त तक प्रभावी रहेगा।
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ये आदेश मध्यप्रदेश मत्स्योद्योग अधिनियम 1948, 1981 की धारा 3 और मध्यप्रदेश नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 के नियम 3 के तहत जारी किया गया है। इस दौरान मछली पकड़ना, उनका परिवहन और खरीद-बिक्री करना अपराध माना जाएगा।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 5 हजार रूपए तक का जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। यह प्रतिबंध छोटे तालाबों या ऐसे जल स्रोतों पर लागू नहीं होगा जो नदियों से नहीं जुड़े हैं।
कानूनी कार्रवाई की जाएगी कलेक्टर ने बताया कि ये अवधि मछलियों के प्रजनन काल के दौरान उनकी वंश वृद्धि और संरक्षण के लिए निर्धारित की गई है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति अवैध मत्स्य आखेट या संबंधित गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।