100 गांवों वाले श्यामपुर में एक भी दमकल नहीं।
सीहोर में गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। मार्च में ही 430 आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें सबसे ज्यादा नुकसान खेतों में खड़ी फसलों का हुआ है।
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जिले के कई क्षेत्रों में गेहूं की कटाई हो चुकी है, जबकि कुछ इलाकों में अभी भी पकी फसल खड़ी है। बिजली के तारों से निकलने वाली चिंगारी या मानवीय लापरवाही से किसानों की महीनों की मेहनत पल भर में जलकर राख हो रही है।
फायर ब्रिगेड की कमी से बढ़ रहा नुकसान आग की घटनाओं में कहीं खड़ी फसल जल गई तो कहीं बिजली के झूलते तारों की चपेट में आकर ट्रैक्टर में भरी उपज नष्ट हो गई। सबसे बड़ी समस्या फायर ब्रिगेड की कमी है। जिले के कई बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों में दमकल की सुविधा नहीं है। आग लगने पर दूसरे क्षेत्रों से फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ता है। इस देरी से किसानों का नुकसान और बढ़ जाता है।
मुआवजे की राह मुश्किल प्रदेश में अग्नि सुरक्षा और राहत के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। फसल बीमा का लाभ भी किसानों को नहीं मिल पाता, क्योंकि पूरे पटवारी हल्के में फसल जलने पर ही मुआवजा मिलता है। प्रशासन द्वारा दी जाने वाली राहत राशि भी बेहद कम है।
श्यामपुर तहसील क्षेत्र में 100 से अधिक गांव हैं, लेकिन एक भी दमकल नहीं है। यहां आग लगने पर सीहोर जिला मुख्यालय से फायर ब्रिगेड को आना पड़ता है।