तेंदूपत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि वितरण में 5.73 करोड़ रुपए की गड़बड़ी के मामले में सुकमा जिला वनमंडलाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही वि
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साथ ही इन समितियों के संचालक मंडलों को भंग कर दिया गया है। संबंधित नोडल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। डीएफओ ने 2021 में 21225 संग्राहकों के 3.15 करोड़ रुपए और 2022 में 13179 संग्राहकों के 2.58 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की। शेष संग्राहकों के बैंक खाते राशि नहीं पहुंचने पर सुकमा कलेक्टर की अनुशंसा पर शासन ने नगद भुगतान की अनुमति दी थी।
नगद भुगतान करने समितियों को दी राशि लेकिन नहीं बांटी: बचे हुए संग्राहकों के लिए जिला यूनियन को राशि हस्तांतरित की गई थी। कुछ समितियों द्वारा नगद भुगतान किया गया, किंतु 11 समितियां जिसमें सुकमा, फूलबगड़ी, दुब्बाटोटा, जगरगुण्डा, मिचीगुड़ा, बोड़केल, कोंटा, जग्गावरम, गोलापल्ली, किस्टाराम एवं पालाचलमा शामिल हैं, ने प्रोत्साहन राशि का वितरण नहीं किया।
ऐसे में इन 11 समितियों पर भी कार्रवाई की गई है। इन समितियों में प्रोत्साहन राशि प्राप्त नहीं करने वाले संग्राहकों की वास्तविक संख्या की जांच की जा रही है। स्थिति स्पष्ट होते ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।