सुखबीर बादल के पैर में चोट लगी है।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से अपनी सजा पर जल्दी फैसला लेने की अपील की है। अकाल तख्त की ओर से तनखैया घोषित किए जा चुके सुखबीर बादल ने बुधवार को जत्थेदार को आवेदन देकर यह अपील की।
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सुखबीर बादल बुधवार को अमृतसर में गोल्डन टेंपल स्थित अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंचे और इससे जुड़ा लिखित आवेदन सौंपा। इस दौरान कुर्सी से गिर जाने के कारण सुखबीर बादल की टांग भी टूट गई। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी टांग में फ्रेक्चर हुआ है।
दरअसल सुखबीर बादल जब अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में रिवॉल्विंग चेयर पर बैठे थे तो अचानक उनकी कुर्सी टूट गई। इस दौरान सुखबीर की एक टांग पर दबाव पड़ गया। पैर में दर्द होने पर उन्हें तुरंत अमृतसर के गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने एक्स-रे किया तो पता चला कि सुखबीर बादल के पैर में फ्रैक्चर हो गया है। डॉक्टरों ने सुखबीर को रेस्ट की सलाह दी है। अस्पताल में दिखाने के बाद सुखबीर बादल व्हील चेयर पर अस्पताल से बाहर निकले। इस दौरान उनके एक पैर पर प्लस्तर बंधा हुआ था।
अकाल तख्त सचिवालय में अपनी सजा पर फैसला जल्दी सुनाने की अपील करते अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल।
इससे पहले, गोल्डन टेंपल में माथा टेकने के बाद सुखबीर ने कहा कि कई बरसों से अकाली दल के खिलाफ घटिया अभियान चल रहा है। कुछ लोगों ने पार्टी से बगावत कर अकाल तख्त में शिकायत की थी, जिस पर सिंह साहिबान ने मुझसे स्पष्टीकरण मांगा। मैंने तुरंत स्पष्टीकरण दिया और अकाली दल के अध्यक्ष के नाते सबकुछ अपने अपने ऊपर ले लिया।
सुखबीर ने कहा कि दुनिया के हर सिख की तरह अकाली दल के लिए भी अकाल तख्त सर्वोच्च है। हर सिख को अकाल तख्त के आदेश का पालन करना चाहिए।
बोले- हर आदेश स्वीकार
सुखबीर ने कहा कि मुझे अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित किया था। उसके अगले ही दिन मैं यहां पहुंच गया। मैं कह चुका हूं कि अकाल तख्त से जो भी आदेश दिया जाएगा, एक सिख होने के नाते मैं उसे स्वीकार करूंगा। मैं आज गुहार लगाने आया हूं कि मुझे तनखैया घोषित किए ढाई माह से अधिक हो गए। मैं सिंह साहिबान के चरणों में प्रार्थना करता हूं कि अगर संभव हो तो वह मेरी सजा का आदेश जल्दी सुना दें।
सुखबीर ने कहा कि मेरी कुछ व्यक्तिगत जिम्मेदारियां भी हैं। इसी वजह से मैं अपील करता हूं कि मेरी सजा के मामले में सिख मर्यादाओं के मुताबिक जल्द से जल्द आदेश दिए जाएं। मैंने आज तक अकाल तख्त के हर आदेश का पालन किया है।
सुखबीर बादल की ओर से अकाल तख्त सचिवालय में दिए गए लेटर की कॉपी
सुखबीर ने लिखा-सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं
सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें।